Agriculture Schemes: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 11 अक्टूबर 2025 को शुरू की जाने वाली नई कृषि योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रबी फसलों की बुवाई के समय प्रधानमंत्री मोदी किसानों की समृद्धि और कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं।
कृषि मंत्री श्री चौहान ने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा कृषि अवसंरचना कोष, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की 1100 से अधिक परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया जाएगा। कुल 42000 करोड़ रुपये से अधिक की इन योजनाओं के माध्यम से देश के लाखों किसानों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली का नया दौर आएगा।
खाद्य सुरक्षा और आय बढ़ाने पर जोर
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, किसानों की आमदनी बढ़ाना और लोगों को पोषक अनाज उपलब्ध कराना है। सरकार खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत में खाद्यान्न उत्पादन में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गेहूं, चावल, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है।

गेहूं-चावल के मामले में आत्मनिर्भर
उन्होंने कहा कि आज भारत गेहूं और चावल के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर है और अब तक चार करोड़ टन से अधिक कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दलहन उत्पादन के क्षेत्र में अभी और काम करने की आवश्यकता है।
दलहन मिशन से आत्मनिर्भरता का प्रयास
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है, लेकिन दालों के आयात में भी भारत शीर्ष पर है। दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘दलहन मिशन’ शुरू करने का निर्णय लिया है। इस मिशन के तहत बुवाई क्षेत्र, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
दलहन का क्षेत्र करेंगे 310 लाख हेक्टेयर
उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में दलहन की बुवाई का क्षेत्रफल 275 लाख हेक्टेयर है, जिसे बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। वर्तमान उत्पादन 242 लाख टन है, जिसे बढ़ाकर 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता को भी 880 किलोग्राम से बढ़ाकर 1130 किलोग्राम करने का प्रयास किया जाएगा।

अनुसंधान और विकास पर रहेगा फोकस
श्री चौहान ने बताया कि दलहन मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अनुसंधान और विकास की नई रणनीति तैयार की गई है। इसमें उच्च उत्पादकता, कीट प्रतिरोधी और जलवायु अनुकूल किस्मों के विकास पर जोर दिया जाएगा। इन बीजों को किसानों तक समय पर पहुंचाने के लिए मिनी किट्स के माध्यम से वितरण किया जाएगा।
किसानों को मुहैया कराएंगे प्रमाणित बीज
कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 126 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, 88 लाख नि:शुल्क बीज किट भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के प्रयोग से किसानों को अधिक उत्पादन और बेहतर आमदनी दोनों प्राप्त होंगी।
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प्रसंस्करण इकाइयों की होगी स्थापना
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दाल उत्पादन वाले इलाकों में यदि प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएं तो किसानों को उचित दाम भी मिलेंगे और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सरकार का लक्ष्य 1000 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना का है। इन इकाइयों के लिए सरकार 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि इन इकाइयों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन का एकीकृत मॉडल विकसित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में स्थायी वृद्धि हो सकेगी।
प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का यह उद्देश्य
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में कृषि उत्पादकता हर क्षेत्र में समान नहीं है। कुछ जिलों में उत्पादकता बहुत कम है, जिससे किसानों की आय भी प्रभावित होती है। इस समस्या के समाधान के लिए कम उत्पादक जिलों को चिन्हित कर उनमें उत्पादकता बढ़ाने के विशेष प्रयास किए जाएंगे।
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अभी 100 जिलों का किया गया चयन
उन्होंने बताया कि फिलहाल ऐसे 100 जिलों का चयन किया गया है जहां यह योजना लागू की जाएगी। इन जिलों में सिंचाई व्यवस्था, भंडारण सुविधाएं, फसलों का विविधिकरण, ऋण की उपलब्धता और तकनीकी सहयोग जैसी व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा।
श्री चौहान ने कहा कि यदि इन जिलों को औसत उत्पादकता के स्तर तक पहुंचा दिया जाए तो देश के कुल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना आकांक्षी जिलों के मॉडल पर आधारित है और इसकी निगरानी नीति आयोग के डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी।
योजनाओं की लॉन्चिंग लोकनायक जयंती पर
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर इन योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। इस दिन प्रधानमंत्री कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को भी देश के सामने रखेंगे।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का कृषि क्षेत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है और आने वाले समय में देश किसानों की समृद्धि के साथ-साथ वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भी अग्रणी भूमिका निभाएगा।
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