Patta Gobhi Ki Kheti : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित मुलताई तहसील का बिरूल बाजार क्षेत्र प्रदेश में सबसे ज्यादा पत्ता गोभी उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। बिरुल बाजार के एक किसान भूपेश सोनी ने पत्ता गोभी की फसल से अपना जीवन बदल लिया है। अब वे लाखों में खेल रहे हैं।
भूपेश पिछले 25 सालों से अपने खेत में पत्ता गोभी लगा रहे हैं। लगभग 10 एकड़ में पत्ता गोभी लगाकर हर साल वे तीन बार यह फसल लेते हैं और एक बार की फसल में लगभग 25 लाख रुपए तक बचा लेते हैं। सालों पहले उनके खेतों में सोयाबीन की फसल लगाई जाती थी, लेकिन उसका उत्पादन कम और नुकसान होने के कारण इनके दादा कलीराम सोनी ने 40 साल पहले सोयाबीन लगाने का ट्रेंड बदला था।
पिता ने जारी रखा सिलसिला
गोभी की फसल से लाभ होते देख उनके पिता हेमराज सोनी भी यही फसल लगाते रहे और अब भूपेश सोनी भी इसी ट्रेंड को आगे बढ़ा रहे हैं। पूरे बिरुल और बड़ेगांव सहित आसपास के गांवों में पत्ता गोभी उगाई जाती है।
भाव अच्छे रहे तो मालामाल
किसान भूपेश का कहना है कि यदि पत्ता गोभी के भाव अच्छे रहे तो वह मालामाल बना देती है। इसके विपरीत भाव नहीं नहीं रहे तो रोड पर भी ला देती है। इसलिए इसे कब, कैसे और कितनी मात्रा में लगाना चाहिए, इसकी जानकारी किसान को होना चाहिए।
खर्च और लाभ की यह स्थिति
भूपेश सोनी ने बताया कि पत्ता गोभी लगाने में प्रति एकड़ लगभग 30000 रुपये का खर्च आता है। वहीं 2 से 3 लाख रुपए प्रति एकड़ की पत्ता गोभी बिक जाती है। यह फसल साल में तीन बार ली जा सकती है, क्योंकि यह फसल चार महीने की है। एक महीने में रोपा तैयार किया जाता है। अगले 3 महीने में फसल तैयार हो जाती है।
रोजाना निकालते 100 ट्रक गोभी
भूपेश ने बताया कि बिरुल बाजार में रोजाना लगभग 100 ट्रक पत्ता गोभी निकाल कर बाहर भेजी जाती है। पूरे बिरुल बाजार क्षेत्र में लगभग 1500 किसानों ने अपने खेतों में पत्ता गोभी लगाई है। लगभग 500 एकड़ में पत्ता फसल लगाई गई है। जिससे लगभग 10000 टन का उत्पादन किया जाएगा।
भारत के हर कोने में जाती है
बिरूल बाजार की पत्ता गोभी पूरे देश में फेमस है। यहां से पत्ता गोभी जयपुर, उड़ीसा, दिल्ली, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, पटना, इलाहाबाद, चेन्नई, मुंबई तक भेजी जाती है। भूपेश ने बताया कि यहां की गोभी में फूल कड़क रहता है, जो ज्यादा दिन तक खराब नहीं होता। दवा और स्प्रे से इसे पालन पड़ता है। ऐसे में इसकी मांग पूरे देश में अच्छी है।
यहां देखें और सुनें पत्ता गोभी की खेती को लेकर किसान भूपेश सोनू की सलाह
हर दिन जाना पड़ता है खेत
भूपेश ने बताया कि पत्ता गोभी लगाने के बाद बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। किसान को हर दिन खेत जाना पड़ता है। स्प्रे, निंदाई, खाद, पानी का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। पत्ता गोभी की फसल लगाने के बाद सबसे ज्यादा महंगी मजदूरी पड़ती है।
क्षेत्र में रोजाना महिला मजदूरों के 400 रुपये और पुरुष मजदूरों के 500 रुपये देने पड़ते हैं। एक खेत में 5 से 6 मजदूर रोजाना काम पर चलते हैं। ऐसे में यह खर्चा बड़ा महंगा पड़ता है। वहीं इस दौरान यदि भाव नहीं मिले तो फिर लंबा नुकसान भी उठाना पड़ता है।
इस तरह करें पत्ता गोभी की खेती
पत्ता गोभी लगाने के लिए बाजार में मिलने वाले पत्ता गोभी के बीज खरीदने पड़ते हैं। इन्हें खरीदने के बाद इनको इनका बाफा बनाया जाता है। बाफा बनाने के बाद जब बीजों में अंकुरण हो जाता है तो इन बीजों को खेतों में समान दूरी पर लगाकर उनका रोपा तैयार किया जाता है।
रोपा बनने के बाद एक-एक पौधे को खेत में निश्चित दूरी पर लगा दिया जाता है। जिसके बाद पत्ता गोभी की फसल तैयार होने लगती है। लगभग 3 महीने में यह फूल बन जाता है और फिर इसे खाया जा सकता है।
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