New Parliament Building: बेहद खूबसूरत है भारत का नया संसद भवन, भीतर के नजारे देख नहीं हटेगी नजरें, हाईटेक के साथ सुरक्षित भी

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New Parliament Building: बेहद खूबसूरत है भारत का नया संसद भवन, भीतर के नजारे देख नहीं हटेगी नजरें, हाईटेक के साथ सुरक्षित भी
Source: Credit – Social Media

New Parliament Building: भारत के नए संसद भवन का रविवार 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य शुभारंभ किया जाएगा। कुल 970 करोड़ रुपए की लागत से 21 महीने में इस भव्य और त्रिभुजाकार इमारत का कार्य पूरा किया गया है। देश की संप्रभुता और स्वाभिमान की प्रतीक इस इमारत का निर्माण बेहद खूबसूरत अंदाज में किया गया है। इसके भीतर के नजारे इतने आकर्षक है कि उन्हें देखने पर नजरें हटाना मुश्किल हो जाता है। हाल ही में जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस भवन का वीडियो शेयर किया तो इसकी सुंदरता से लोग रूबरू हुए। आप भी जानिए कि नए संसद भवन में क्या-क्या सुविधाएं हैं, इसकी क्या विशेषताएं हैं और वीडियो तथा फोटो के जरिए इसकी सुंदरता की झलक देखिए…

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नए संसद भवन का निर्माण 65000 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। इसका आकार त्रिकोणीय है। वर्तमान संसद भवन के पास ही इसका निर्माण हुआ है। नई संसद में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों की क्षमता है। इसके विपरित पुरानी संसद में यह क्रमशः 552 और 250 थी। नई संसद में सेंट्रल हॉल नहीं है और संयुक्त सत्र लोकसभा हाल में ही होगा। इसके लिए वहां पर बैठक क्षमता 1272 तक हो सकेगी। लोकसभा हाल राष्ट्रीय पक्षी मयूर की थीम पर है जबकि राज्यसभा हाल राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर आधारित है। नया संसद भवन आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को परिलक्षित करता है, जिसमें हमारी सांस्कृतिक और क्षेत्रीय कला और शिल्प शामिल है। दोनों ही भवन हाई क्वालिटी ऑडियो-वीडियो से लैस है और हर डेस्क पर इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगी है।

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कांस्टिट्यूशन भवन और सेंट्रल लाउंज

नए भवन के बीचों बीच कॉन्टिट्यूशन भवन है। यहां भारत के संविधान की डिजिटल कॉपी रखी है। इसके एक तरफ लोकसभा और दूसरी तरफ राज्यसभा हाल है। वहीं तीसरी ओर सेंट्रल लाउंज है। इसमें सांसदों के बैठकर चर्चा करने और खाने पीने की व्यवस्था भी है। यहां ओपन स्पेस में राष्ट्रीय पेड़ बरगद लगाया गया है। गैलरी में भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। सदन की कार्यवाही देखने बड़ी-बड़ी दर्शक दीर्घाएं भी बनाई गई हैं।

यहां देखे वीडियो (New Parliament Building)

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चार मंजिला है नया संसद भवन

नया संसद भवन 4 मंजिला है। ऊपर की मंजिलों पर मंत्रियों के ऑफिस और कमेटी रूम्स हैं। नए भवन में लकड़ी का काफी इस्तेमाल हुआ है। साथ ही फर्श पर उत्तरप्रदेश के भदोही में हाथ से बुने हुए कालीन बिछाए गए हैं। नया भवन आने वाले 150 सालों की जरूरतों को देखते हुए बनाया गया है। नया भवन बनने के बाद अब पुराने भवन को ‘म्यूजियम ऑफ डेमोक्रेसी’ में बदल दिया जाएगा।

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इसलिए पड़ी नई संसद की आवश्यकता

वर्तमान संसद भवन का निर्माण वर्ष 1921 में शुरू किया गया और वर्ष 1927 में इसे प्रयोग में लाया गया। यह लगभग 100 वर्ष पुराना एक विरासत ग्रेड-। भवन है। गत वर्षों में, संसदीय कार्यों और उसमें काम करने वाले लोगों और आगंतुकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। संसद भवन के मूल डिजाइन का कोई अभिलेख या दस्तावेज नहीं है। इसलिए, नए निर्माण और संशोधन अस्थायी रूप से किए गए हैं। उदाहरण के लिए, भवन के बाहरी वृत्तीय भाग पर वर्ष 1956 में निर्मित दो नई मंजिलों से सेंट्रल हॉल का गुंबद छिप गया है और इससे मूल भवन के अग्रभाग का परिदृश्य बदल गया है। इसके अलावा, जाली की खिड़कियों को कवर करने से संसद के दोनों सदनों के कक्ष में प्राकृतिक प्रकाश कम हो गया है। इसीलिए, यह अधिक दबाव और अतिउपयोग के संकेत दे रहा हैं तथा स्थान, सुविधाओं और प्रौद्योगिकी जैसे मौजूदा आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

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सांसदों के बैठने की संकीर्ण जगह

वर्तमान भवन को पूर्ण लोकतंत्र के लिए द्विसदनीय विधायिका को समायोजित करने के लिए कभी भी डिजाइन नहीं किया गया था। 1971 की जनगणना के आधार पर किए गए परिसीमन पर आधारित लोकसभा सीटों की संख्या 545 पर अपरिवर्तित बनी हुई है। 2026 के बाद इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है क्योंकि सीटों की कुल संख्या पर स्थिरता केवल 2026 तक ही है। बैठने की व्यवस्था तंग और बोझिल है, दूसरी पंक्ति से परे कोई डेस्क नहीं है। सेंट्रल हॉल में केवल 440 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। जब संयुक्त सत्र होते हैं तो सीमित सीटों की समस्या और बढ़ जाती है। आवाजाही के लिए सीमित स्थान होने के कारण यह सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा जोखिम है।

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