MP Guest Teachers E-Attendance: मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों (Madhya Pradesh School News) में पदस्थ शिक्षकों को 1 जुलाई से ई-अटेंडेंस लगाना होगा। अब यही प्रावधान स्कूलों में रखे जाने वाले अतिथि शिक्षकों के लिए भी लागू कर दिया है। अब अतिथि शिक्षकों को भी ई-अटेंडेंस यानी ऑनलाइन अटेंडेंस (Online Attendance MP) लगाना होगा। वैसे इस व्यवस्था का शिक्षक पहले ही विरोध कर रहे हैं। अब अतिथि शिक्षकों ने भी इसके विरोध (Teachers Protest) में आवाज उठाई है।
ई-अटेंडेंस को लेकर अतिथि शिक्षकों का कहना है कि नियमित शिक्षकों की तरह ई-अटेंडेंस के लिए हम तैयार हैं, लेकिन हमें भी नियमित शिक्षकों की तरह सारी सुविधाएं भी दी जाएं। अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि अतिथि शिक्षकों से जब नियमित शिक्षकों जैसे सारे कार्य और ई-अटेंडेंस लेना है तो उनको समान वेतनमान (Guest Teacher Salary), पदनाम, अवकाश सुविधा और अधिकार दिया जाएं। क्या शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों को ऐसे ही बंधुआ मज़दूर (Teacher Rights) बनाकर रखेगा।

इस आधार पर कर रहे विरोध (MP Guest Teachers E-Attendance)
प्रदेश सरकार (Education Department MP) ने व्यवस्था बनाई है कि शिक्षकों को ई अटेंडेंस लगाना अनिवार्य है। इसके लिए एप बनाया गया है, जिसके माध्यम से शिक्षण संस्थान में जा कर लाइव अपडेट करना होता है। शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार यदि इसे नीति ही बना रही है तो सभी कर्मचारियों पर यह नीति लागू होनी चाहिए, सिर्फ शिक्षकों पर ही क्यों?

अतिथि शिक्षकों का यह है कहना (MP Guest Teachers E-Attendance)
दूसरी ओर अतिथि शिक्षक संघ ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश सरकार के साथ अधिकारियों ने भी लगातार अतिथि शिक्षकों के भविष्य को मजाक बना कर रख दिया है। उनका शोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। पिछले चार-पांच साल से ऑनलाइन अपडेशन के नाम पर हर सत्र में दो से तीन महीने तक अतिथि शिक्षकों को परेशान किया जाता है।
आर्थिक रूप से भी परेशान (MP Guest Teachers E-Attendance)
इससे अतिथि शिक्षक मानसिक रूप से तो परेशान होते ही हैं, साथ में ही आर्थिक रूप से भी परेशान हो जाते हैं। हर बार उन्हें एमपी ऑनलाइन जाकर 500 से लेकर 1000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। उसके बाद भी अधिकारी द्वारा बनाया गया पोर्टल सही ढंग से कार्य नहीं करता और वह साल भर परेशान होते रहते हैं।
इस तरह से हो रहा भेदभाव (MP Guest Teachers E-Attendance)
- शिक्षा विभाग ने अतिथि को मोबाइल प्रदान नहीं दिए जबकि नियमित शिक्षकों को दिए हैं।
- शिक्षा विभाग ने 16 वर्ष से अतिथि शिक्षकों का पदनाम परिवर्तित नहीं किया जबकि कार्य तो पूरा लिया जाता है।
- शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षकों जैसे वेतनमान और अवकाश नहीं दिए हैं, जबकि सरकारी शिक्षकों को सब कुछ दिया है उसके बावजूद भी विरोध हो रहा है।
- शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों को मानदेय दे रहा है न कि वेतनमान।
- अतिथि शिक्षक एक काम चलाऊ व्यवस्था के अंतर्गत है जिसको शिक्षा विभाग ने वर्तमान तक किसी भी योजना और मजदूर या कर्मचारी की श्रेणी में नहीं रखा है।
- अतिथि शिक्षकों में तो अनुभव प्रमाण पत्र की योग्यता केवल 3 वर्ष की है, इससे अधिक वाले अनुभव का कोई मूल्य नहीं है। (MP Guest Teachers E-Attendance)
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