Maa Baglamukhi : मां बगलामुखी को अर्जी लगाने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

Maa Baglamukhi : मां बगलामुखी को अर्जी लगाने से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

कई प्रांतों से दीक्षा लेने सावंगी आते हैं मां पीताम्बरा के भक्त, सदगुरूदेव डॉ. सत्यनारायण गिरी को हुए मां बगलामुखी के दर्शन

Maa Baglamukhi : मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में बैतूल शहर से करीब 35 किमी दूर सावंगी गांव में वैभवशाली सत्ता के साथ मां बगलामुखी विराजमान है। मंदिर में माता तीन रूप में विराजित हैं। माता पीताम्बरा देवी की यहां महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती के रूप में पूजा होती है।

आचार्य रविन्द्र बताते हैं कि मां दुर्गा का मां बगलामुखी रूप कष्टों को हरने वाला है, जो भी भक्त सच्चे मन से मां बगलामुखी की आराधना करता है, उसके सभी कष्ट मां दूर कर देती है। मां बगलामुखी की पूजा खासतौर पर कोर्ट-कचहरी और आंतरिक शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए की जाती है।

मां बगलामुखी को पीताम्बरा, बगला, वल्गामुखी, वगलामुखी, ब्रह्मास्त्र विद्या आदि नामों से भी जाना जाता है। माता बगलादेवी के सावंगी में विराजमान होने से अब भक्तों को नलखेड़ा, दतिया या बनखंडी नहीं जाना पड़ता है।

नलखेड़ा के बाद पहुंचे सावंगी

छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से आये बैजू साहू ने बताया कि वे पहले मां बगलामुखी मंदिर नलखेड़ा पहुंचे। जहां पहुंचकर माता पीताम्बरा देवी के दर्शन के बाद यज्ञ संपन्न किया। उसके बाद वे मां बगलामुखी मंदिर सावंगी पहुंचे।

यहाँ मां बगलामुखी के सिद्ध साधक आचार्य रविन्द्र से अपने घर में चल रही समस्याओं की जानकारी प्राप्त की और उसके बाद मां बगलामुखी माता की पूजा आरती करने के बाद दीक्षा प्राप्त की।

जीवन में हो रहे बहुत अच्छे बदलाव

अमरावती से आए शिष्य भक्त गौरव जोशी ने बताया कि जब से मेरी मां बगलामुखी मंदिर सावंगी से दीक्षा संपन्न हुई है तब से मेरे जीवन में बहुत अच्छे बदलाव हो रहे हैं। माता बगलामुखी देवी की साधना का गुप्त रहस्य मुझे सिवनी के बड़े सद्गुरुदेव डॉ. सत्यनारायण गिरी गोस्वामी महाराज और मां बगलामुखी के सिद्ध आचार्य रविन्द्र जी से निरन्तर ही प्राप्त होते रहा है।

सामान्य व्यक्ति भी कर सकते साधना

इसी के चलते मां बगलामुखी का व्रत पूजा और अनुष्ठान का क्रम आरम्भ कर दिया। जो मां बगलामुखी साधना की विधि गुरूदेव आचार्य रविन्द्र जी बताते उसे आसानी से सामान्य मनुष्य और हम मां बगलामुखी माता की भक्ति करते हुये हमारे जीवन में धर्म अर्थ काम और मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं।

माँ के प्राकट्य के पीछे बड़ा रहस्य

मां बगलामुखी सिद्ध साधक आचार्य रविन्द्र बताते है कि एक छोटे गांव में मां बगलामुखी माता का प्राकट्य होना सामान्य बात नही है अपितु इससे पीछे बहुत बड़ा रहस्य छिपा हुआ है। मैं पूर्व जन्म में मां कामाख्या देवी का उपासक था जिसके चलते इस जन्म में दिव्य सद्गुरुदेव सत्यनारायण गिरी महाराज से शक्तिपात दीक्षा मिलते ही पूर्व जन्म की भी सम्पूर्ण शक्तियां सिद्धियां पुनः प्राप्त हो गई।

नौकरी छोड़ी, सामाजिक उपहास झेला

सिवनी अखंड समाधिस्त संत मेरे सद्गुरुदेव जी से शक्तिपात दीक्षा प्राप्त करने के लिये मुझे अपनी नौकरी छोड़ना पड़ा। कई माह सिवनी आश्रम रहकर गुरूदेव जी की सेवा की। अनेक सामाजिक लोगों के ताने सुनना पड़ा, लेकिन अन्ततः मैंने अपनी निर्मल भक्ति से गुरुवर को प्रसन्न कर ही लिया। मेरे मूलाधार चक्र के जाग्रत होते ही पूज्य सदगुरुदेव ने मुझे आचार्य पद प्रदान किया और मां बगलामुखी पीठ सावंगी का पीठाधीश्वर नियुक्त किया।

गुरुदेव को यहाँ प्राप्त हुए प्रत्यक्ष दर्शन

माता बगलामुखी सिद्ध शक्तिपीठ मंदिर सावंगी में पूज्य सदगुरुदेव डॉ सत्यनारायण गिरी महाराज को मां बगलामुखी देवी के प्रत्यक्ष दर्शन हुये हैं। हर कोई बगलामुखी माता के प्रत्यक्ष दर्शन नहीं कर सकता है क्योंकि मां बगलामुखी की साधना में अष्टांग योग का पालन करते हुये जब हम अपनी प्राणवायु को रोकते हैं और समाधि की अवस्था में जाते हैं तभी हमे मां पीताम्बरा देवी के प्रत्यक्ष दर्शन कर सकते हैं।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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