
Jeevan Praman Patra: नई दिल्ली। केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के ‘जीवनयापन में आसानी’ के लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अर्थात जीवन प्रमाण को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दे रहा है। 2014 में, बायोमेट्रिक उपकरणों का उपयोग करके डीएलसी जमा करना शुरू किया गया था।
इसके बाद, विभाग ने आधार डेटाबेस पर आधारित चेहरे के प्रमाणीकरण तकनीक को विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूआईडीएआई के साथ कार्य किया ताकि किसी भी एंड्रॉइड आधारित स्मार्ट फोन से एलसी जमा करना संभव हो सके।
इस सुविधा के अनुसार, चेहरे के प्रमाणीकरण तकनीक के माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान की जाती है और डीएलसी तैयार किया जाता है। नवंबर 2021 में शुभारंभ की गई इस महत्वपूर्ण तकनीक ने पेंशनभोगियों की बाहरी बायो-मीट्रिक उपकरणों पर निर्भरता को कम कर दिया और स्मार्टफोन-आधारित तकनीक का लाभ उठाते हुए इस प्रक्रिया को जनता के लिए अधिक सुलभ और किफायती बना दिया।
डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डीएलसी/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के उपयोग के लिए केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों के साथ-साथ पेंशन संवितरण प्राधिकारियों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नवंबर 2022 देश भर के 37 शहरों में एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया।
देश भर में इतने स्थानों पर लग रहे शिविर-Jeevan Praman Patra
यह अभियान एक बड़ी सफलता थी और केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 35 लाख से अधिक डीएलसी जारी किए गए। अब 1 से 30 नवंबर, 2023 तक देश भर के 100 शहरों में 500 स्थानों पर 17 पेंशन वितरण बैंकों, मंत्रालयों/विभागों, पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई और एमईआईटीवाई के सहयोग से 50 लाख पेंशनभोगियों को लक्षित करते हुए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
आधार का रिकॉर्ड भी किया जाएगा अपडेट
यूआईडीएआई की एक टीम भी पेंशनभोगियों को उनके आधार रिकॉर्ड को अद्यतन करने में सहायता करने के लिए, जहां भी आवश्यक हो, और किसी भी तकनीकी मुद्दे का समाधान के लिए शिविरों में भाग लेगी।
दूरदराज के इलाकों में रहने वाले पेंशनरों को लाभ
देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले पेंशनभोगियों खासतौर से अति वरिष्ठ/बीमार/अक्षम पेंशनभोगियों तक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के डिजिटल तरीकों का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभाग ने विस्तृत दिशानिर्देशों के साथ एक व्यापक परिपत्र जारी किया है। जिसमें भारत सरकार के मंत्रालय/विभाग, पेंशन संवितरण बैंक और पेंशनभोगी संघों सहित सभी की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित किया गया हैं।
विभागों को दिए गए हैं यह निर्देश
इन दिशानिर्देशों में अभियान के लिए हितधारकों द्वारा नोडल अधिकारियों का नामांकन, कार्यालयों और बैंक शाखाओं/एटीएम में रणनीतिक रूप से लगाए गए बैनर/पोस्टर के माध्यम से डीएलसी-फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में जागरूकता फैलाना/उचित प्रचार करना और जहां तक संभव हो सके डीएलसी/फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करना शामिल है। जिन जगहों पर डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है, वहां बैंक शाखाओं में इस कार्य के लिए तय कर्मचारियों को एंड्रॉइड फोन से लैस किया जा रहा है, ताकि जब पेंशनभोगी जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए शाखा में जाएं तो इस तकनीक का उपयोग किया जा सके।
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बीमार पेंशनरों के घर जाएंगे बैंक कर्मचारी-Jeevan Praman Patra
इसके साथ ही बेहद बीमार तथा बिस्तर से उठने अक्षम पेंशनभोगियों के डीएलसी जमा कराने के लिए बैंक कर्मचारियों द्वारा उनके घरों का दौरा करने को कहा जा सके। इसके अलावा पेंशनभोगियों को बिना किसी देरी के अपने डीएलसी जमा करने की जानकारी देकर सक्षम बनाने के लिए शिविरों का आयोजन किया जाए।
संघ के पदाधिकारी भी करेंगे सहयोग
पेंशनभोगी कल्याण संघों से भी कहा गया है कि वे पेंशनभोगियों के लिए डीएलसी जमा करने हेतु शिविरों का आयोजन करें। अभियान के तहत पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अधिकारी पेंशनभोगियों को उनके जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों के उपयोग में सहायता करने के लिए देश भर में प्रमुख स्थानों का दौरा करेंगे।
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