
IAS Success Story: जिंदगी में जिस व्यक्ति के पास सफलता की चाहत होती है, वे बार-बार आने वाली समस्याओं का सामना कर आगे बढ़ते चले जाते है। कई बार आपने देखा होगा यूपीएससी की परीक्षा देते समय छात्रों को कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यही छात्र-छात्राओं की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए प्रेरणा ही नहीं बल्कि उन्हें परिस्थितियों से लड़ने की ताकत भी देती है। कुछ ऐसी ही कहानी है रितिका जिंदल की, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देते समय कई सारी परेशानी का सामना किया था।
एक बेहद खूबसूरत लाइन है- ”मुश्किलें आपको रुलाएगी लेकिन आपको हमेशा मुस्कुराना सीखना चाहिए” खुद रितिका अपने जीवन में इसी मंत्र का अनुसरण करती हैं, तभी तो पिता को कैंसर हो जाने की खबर ने भी उनके हौसले को गिरने नहीं दिया। साल 2018 में UPSC Civil Services Exam में रितिका जिंदल ने 88 रैंक हासिल की थी। उन्होंने 22 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा पास कर अपना सपना पूरा किया। उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली थी। आइये जानते हैं आईएएस ऑफिसर रितिका जिंदल (IAS Officer Ritika Jindal) की सक्सेस स्टोरी…

रितिका जिंदल का परिचय और शिक्षा
आईएएस ऑफिसर रितिका जिंदल (IAS Officer Ritika Jindal) का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ था। मोगा एक छोटा शहर है जहां संसाधनों की कमी है उन्होंने कभी इसको अपने लक्ष्य के आगे नहीं आने दिया। रितिका ने 10वीं और 12वीं में अच्छे अंक हासिल किए। स्कूल में टॉप करने के बाद उन्होंने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में एडमिशन लिया। यहां उन्होंने ग्रेजुएशन में टॉप किया। उनका सपना बचपन से ही IAS बनने का था और इसीलिए उन्होंने ग्रेजुएशन से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने पूरा समय UPSC की तैयारी को दे दिया।
पिता को था कैंसर पर नहीं हारी हिम्मत
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के समय उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अंत में सफलता के शिखर तक पहुंची। रितिका जब पहली बार सिविल सेवा की परीक्षा दे रही थीं तो उनके पिता को टंग कैंसर हो गया था। इसके बाद उनके दूसरे प्रयास के दौरान उनके पिता को लंग्स कैंसर हो गया था। रितिका के लिए यह बेहद कठिन दौर था लेकिन पिता के कष्ट को महसूस करते हुए उन्होंने हिम्मत नही हारी और यूपीएससी की तैयारी जारी रखी।

दूसरे प्रयास में मिली सफलता
पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन दूसरे प्रयास में मिली सफलता रितिका पढ़ने में शुरू से ही होशियार थी, यही कारण था कि अपने पहले ही प्रयास में वह इंटरव्यू तक आसानी से पहुंच गईं। लेकिन इंटरव्यू नहीं निकाल पाई, जिसके बाद उन्होंने दोबारा प्रयास किया और अपने दूसरे प्रयास के दौरान उन्होंने अपनी कमियों को सुधारा और 88वीं रैंक हासिल कर एग्जाम को क्रैक किया। रितिका महज 22 साल की उम्र में ही आईएएस ऑफिसर बन गई थी।
बता दे कि रितिका जब यूपीएससी एग्जाम क्लियर करके आईएएस की ट्रेनिंग कर रही थीं, तब उनके पिता का निधन हो गया। यह उनके लिए बड़ा झटका था। लेकिन एक और झटका उन्हें तब लगा जब पिता की मृत्यु के दो महीने बाद मां भी गुजर गईं। माता-पिता के निधन ने रितिका को बड़ा झटका दिया। दोनों लोग बेटी की सफलता को नहीं देख सके।
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रितिका जिंदल ने उम्मीदवारों को दी टिप्स
रितिका मानती हैं कि हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन आप हार नहीं मानें और उठकर और तेज भागें। 22 साल में आईएएस बनने वाली रितिका कहती हैं कि यूपीएससी परीक्षा के पैटर्न को लोग समझ लें तो इसे आसानी से क्रैक कर सकते हैं। इस परीक्षा को स्ट्रेटजी और मेहनत से ही पास किया जा सकता है। अगर आप पढ़ रहे हैं तो सिर्फ पढ़ने में ही नहीं बल्कि प्रैक्टिस करने पर भी ध्यान दें।
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