UPSC Success Story : यूपीएससी (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को पास करने वाले अधिकांश अभ्यार्थी अंग्रेजी माध्यम से पढ़े-लिखे होते है। हिंदी माध्यम वालों की सफलता का प्रतिशत 5 से भी कम रहता है। हालाँकि, मेहनत करने वालों के लिए हिंदी माध्यम कभी रुकावट नहीं बनती है। अगर सही मार्गदर्शन और मेहनत के साथ तैयारी की जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिल ही जाती है। ऐसे ही राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले IAS अधिकारी रवि कुमार सिहाग (IAS Ravi Kumar Sihag) है, जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढ़ाई की साथ ही सेल्फ स्टडी के दम पर तीन बार UPSC एग्जाम क्रैक किया है। यूपीएससी 2021 के सिविल सर्विस एग्जाम में 18वीं रैंक हासिल कर आईएसस बने। आइए जानते है सफलता की कहानी के बारे में (UPSC Success Story)…
IAS रवि कुमार सिहाग का परिचय और पढ़ाई? (UPSC Success Story)
रवि कुमार सिहाग (Ravi Kumar Sihag) राजस्थान के श्री गंगा नगर जिले से आते हैं। रवि के पिता एक साधारण किसान हैं और इनका परिवारिक माहौल भी खेती और किसानी से जुड़ा हुआ है। आईएएस रवि (IAS Ravi Kumar Sihag) की कक्षा 7 तक की पढ़ाई पैतृक गांव के स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर से की। इसके बाद उन्होंने कक्षा 11 तक की पढ़ाई अनूपगढ़ के शारदा स्कूल और कक्षा 12 की पढ़ाई विजयनगर के न्यू आफ सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। रवि ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई अनूपगढ़ के शारदा कॉलेज से की है।
ग्रेजुएशन के बाद शुरू की यूपीएससी की तैयारी (UPSC Success Story)
ग्रेजुएशन के बाद 2016 से वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए। जब उनसे पूछा गया कि आपने माध्यम के रूप में हिंदी को ही क्यों चुना तो उनका कहना था कि बचपन से लेकर अब तक जो कुछ भी पढ़ा और सीखा वह हिंदी में ही सीखा। वह अंग्रेज़ी से ज़्यादा हिंदी में सजग थे। हालांकि, अंग्रेजी के मुकाबले हिंदी में स्टडी मेटेरियल कम होता है। ऐसे में अगर हिंदी मीडियम के छात्र थोड़ी बहुत अंग्रेजी समझ लेते हैं तो वह नोट्स को समझकर हिंदी में ट्रांसलेट कर सकते हैं। अपने ग्रेजुएशन के दिनों तक रवि अपने पिता के साथ खेती और किसानी में उनका हाथ बँटाते थे।
UPSC 2021 की परीक्षा में रवि कुमार सिहाग (IAS Ravi Kumar Sihag) ने 18वीं रैंक हासिल की जो हिंदी माध्यम की सर्वश्रेष्ठ रैंक है। रवि अपनी सफलता में भाषा को कभी बाधा के रूप में नहीं देखते हैं। वह कहते हैं कि यदि सही दिशा और दशा में रहकर परिश्रम किया जाए तो किसी भी भाषा से इस परीक्षा को पास किया जा सकता है। वह हिंदी के साथ साथ अंग्रेज़ी भाषा को भी पढ़ने की सलाह देते हैं क्योंकि कामकाज और अन्य स्थानों पर अंग्रेज़ी की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है।
बता दें कि साल 2018 और 2019 में भी रवि UPSC में चयनित हुए थे और तब उनकी रैंक 337 और 317 थी। इसके बावजूद भी IAS बनने के लिए उन्होंने दोबारा परीक्षा थी और आखिरकार कठिन परिश्रम और लगन से 18वीं रैंक के साथ टॉपर रहे और IAS बनने का सपना भी पूरा किया।