Gangavataran Abhiyan : पहाड़ पर ही रूक जाएगा वर्षा जल, पर्यावरण दिवस पर श्रमदानियों ने बनाई जल संरचनाएं

Gangavataran Abhiyan : बैतूल। विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) पर देश और दुनिया में बड़े-बड़े सेमिनार हो रहे हैं। किन्तु, बैतूल के गंगावतरण अभियान के कार्यकर्ताओं ने अनूठे ढंग से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया। अभियान के कार्यकर्ताओं ने वर्षा जल को रोकने के लिए सोनाघाटी की पहाड़ी पर अपना पसीना बहाया।

श्रमदानी प्रात: 6 बजे रैली के माध्यम से गैंची-फावड़ा लेकर पहाड़ी पर पहुंचे व दो घण्टा श्रमदान किया। उन्होंने खंतियां खोदकर वर्षा जल को पहाड़ पर रोकने का प्रबन्ध किया। 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस को विशेष अभियान के तहत श्रमदान का यह आयोजन किया गया था।

Gangavataran Abhiyan : पहाड़ पर ही रूक जाएगा वर्षा जल, पर्यावरण दिवस पर श्रमदानियों ने बनाई जल संरचनाएं

अभियान की यह उपलब्धि

उल्लेखनीय है कि सोनाघाटी पहाड़ी को हरा-भरा करने के लिये 2016-17 से सामुदायिक प्रयासों के द्वारा गंगावतरण अभियान के माध्यम से यहाँ अभी तक नौ हजार से अधिक जल संरचनाएँ बनाई जा चुकी है। इसके साथ ही 32000 से अधिक वृक्ष लगाए जा चुके हैं। जिसके कारण सोनाघाटी क्षेत्र का न केवल तापमान कम हुआ है अपितु जल स्तर में भी भारी वृद्धि हुई है।

Gangavataran Abhiyan : पहाड़ पर ही रूक जाएगा वर्षा जल, पर्यावरण दिवस पर श्रमदानियों ने बनाई जल संरचनाएं

सबसे पहले बचाना होगा पानी

श्रमदान के पश्चात श्रमदानियों को सम्बोधित करते हुए गंगावतरण अभियान के संयोजक जल प्रहरी मोहन नागर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु सबसे पहले पानी बचाना होगा। उसके लिए वर्षा जल संरक्षण के उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि वर्षा की पहली बूँद जहाँ गिरे, उसे वहीं पर धरती के पेट में उतारना ही सबसे अच्छा जल प्रबन्धन है।

अवरोध से पानी रोकना होगा (Gangavataran Abhiyan)

श्री नागर ने कहा कि वर्षा का जल दस मीटर से अधिक नहीं बहना चाहिये। उसके पूर्व ही उसे किसी न किसी अवरोध के द्वारा रोकने का कार्य करना होगा। पहले यह कार्य पेड़ व अन्य वनस्पति करते थे। किन्तु पेड़ समाप्त हो जाने से पहाड़ों का पानी न केवल बहकर चला जाता है, अपितु इससे पहाड़ों का क्षरण भी हो रहा है।

Gangavataran Abhiyan : पहाड़ पर ही रूक जाएगा वर्षा जल, पर्यावरण दिवस पर श्रमदानियों ने बनाई जल संरचनाएं

सैकड़ों पहाड़ियों पर अभियान (Gangavataran Abhiyan)

इसीलिए गंगावतरण अभियान के माध्यम से पहाड़ों पर छोटी-छोटी जल संरचनाओं का निर्माण कर वहाँ पौधारोपण किया जा रहा है। श्री नागर ने कहा कि यह अभियान जिले की सैकड़ों पहाड़ियों पर ग्रामवासियों के सहयोग से प्रारम्भ हो गया है। जहाँ श्रमदान के माध्यम से अभी तक एक लाख से अधिक खंतियाँ बनाई जा चुकी है।

बैतूल ने पूरी दुनिया को सिखाया (Gangavataran Abhiyan)

इस अवसर पर भोपाल से आये भाऊराव देवरस सेवा न्यास के अध्यक्ष मोहन गुप्ता ने गंगावतरण अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि बैतूल के समाज ने पूरी दुनिया को सिखाया है कि सूखे और बंजर पहाड़ों को पुन: हरा-भरा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंचतत्व का संरक्षण ही पर्यावरण का संरक्षण है। इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

 

श्रमदान में इनका योगदान (Gangavataran Abhiyan)

सभी श्रमदानियों का आभार जिला प्रमुख नागोराव सिरसाम ने माना। इस विशेष आयोजन में गंगावतरण अभियान के संयोजक मोहन नागर, भाऊराव देवरस सेवा न्यास के अध्यक्ष मोहन गुप्ता, जनजाति शिक्षा में प्रांत प्रमुख रूप सिंह लोहाने, प्रेमदास भरोसे, नागोराव सिरसाम, बाजीराम यादव, संजू कवड़े, दिनेश यादव, मानिक कुमरे शामिल हुए।

इनके अलावा वासुदेव ईवने, धनराज ईवने, रितेश परते, जगदीश यादव, धर्मदास बड़ोदे, सोमलाल बारस्कर, सुखलाल बारस्कर, वन्दना लिखितकर, सुशीला यादव, पुष्पा वटके, निकिता मण्डलोई, ज्योति सोलंकी सहित विद्या भारती जनजाति शिक्षा के कार्यकर्ता, भारत भारती शिक्षा संस्थान के शिक्षकों, आसपास के ग्रामीण क्षेत्र व बैतूल नगर के श्रमदानियों ने भी सहभागिता की।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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