
▪️ऋषिकांत सिंह (रजत) परिहार, भोपाल
BJP Congress Star Campaigner : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। सभी राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। आज सोमवार को नामांकन फॉर्म जमा करने का अंतिम दिन है। मुख्य मुकाबला पहले के चुनाव का तरह भारतीय जनता पार्टी और अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के बीच में है।
इन दोनों ही मुख्य दलों के राजनेताओं ने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी-अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में रैली और आमसभा करना प्रारंभ कर दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है, जो इस विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के लिए प्रचार करेंगे। लेकिन, भाजपा चुनाव प्रचार-प्रसार में कांग्रेस के कई गुना आगे निकल गई है।
प्रतिदिन भाजपा में कोई ना कोई बड़ा चेहरा प्रदेश में रैली या आम सभा करके भाजपा के पक्ष में माहौल बना रहा है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्वालियर और खजुराहो के बाद अब 4 नवम्बर को सतना आ रहे है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा में २३० विधानसभा को ही नाप दिया है। उन्होंने संभाग स्तर पर सभी कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करके जोश भरा है।
इधर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान औरा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा प्रतिदिन जिलों में प्रवास करके प्रत्याशी का नामांकन फॉर्म जमा करवाने के साथ ही रोड शो व रैलियां कर रहे है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भाजपा के लिए वोट मांगने इंदौर पहुंच गए हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर तथा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अब तक दर्जनों सभाएं और रैली करके कार्यकर्ताओं से संवाद कर चुके हैं। (BJP Star Campaigner List)
इसकी तुलना में कांग्रेस पार्टी में अभी भी रूठने और मनाने का खेल जारी है। कांग्रेस पार्टी इस विधानसभा चुनाव में पूरी तरह राहुल और प्रियंका गांधी के साथ ही मल्लिकाअर्जुन खंडगे पर निर्भर दिखाई दे रही है जो चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों की नैया पार लगाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगायेंगे। इनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी बराबरी का साथ देंगे।
वैसे कांग्रेस पार्टी में सिर्फ कमल नाथ ही एक नेता है जो चुनावी मैदान में प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि कमल नाथ को यह बात अच्छे से पता है कि उनकी 40 वर्षों से अधिक समय की राजनीति का यह आख़िरी दौर है। जिसमें वे मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाकर अपने बेटे और छिन्दवाड़ा सांसद नकुल नाथ को 5 वर्षों में प्रदेश की राजनीति में मजबूती के साथ लांच करना चाहते हैं। इसलिए पिता और पुत्र दोनों ने ही चुनावी प्रचार तेज कर दिया है।
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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी शुरू में चुनावी प्रचार के लिए घर से निकल रहे थे। लेकिन, बाद में वे नाराज़ हो गए और अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द करके एकांतवास में चले गए। बाद में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रणदीप सुरजेवाला से लंबी बातचीत के बाद उन्होंने मीडिया के सामने आकर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं होने की बात कहकर पूरे मामले पर पर्दा डालने का काम किया।
कांग्रेस पार्टी को भी भाजपा की तरह अपने स्टार प्रचारकों को अभी से मैदान में उतारकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने का काम करना चाहिए। ऐसा इसलिए कि कांग्रेस की तुलना में भाजपा चुनाव प्रचार-प्रसार में बहुत आगे निकल गई है और भाजपा के पक्ष में माहौल भी बनता दिखाई दे रहा है। वरना कहीं देर ना हो जाए , कहीं देर ना हो जाए…।
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