Betul Samachar: नाबालिग युवती से बलात्कार के आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास एवं जुर्माने की सजा

Betul Samachar: The accused of raping a minor girl was sentenced to 20 years of rigorous imprisonment and fine.

Betul Samachar: नाबालिग युवती से बलात्कार के आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास एवं जुर्माने की सजा
Betul Samachar: नाबालिग युवती से बलात्कार के आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास एवं जुर्माने की सजा

Betul Samachar: (बैतूल)। अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल ने नाबालिग युवती का अपहरण कर उसके साथ बार-बार बलात्कार करने वाले आरोपी को सजा सुनाई है। आरोपी ओमप्रकाश पिता गोकुल बामने (25 वर्ष) निवासी ग्राम समई, पोस्ट बड़गांव, तहसील भैंसदेही, जिला-बैतूल को इस मामले में सजा सुनाई है।

आरोपी को धारा 363 में 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 1000 रुपए जुर्माना एवं धारा 376(2)(एन) भादवि समाहित धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5,000 रुपए के जुर्माने से दण्डित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एसपी वर्मा के मार्गदर्शन में वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/अनन्य विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी द्वारा पैरवी की गई।

घटना का विवरण इस प्रकार है कि पीड़िता के पिता ने 12 जनवरी 2020 को पुलिस थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करायी थी कि 11 जनवरी को वह और उसकी पत्नी उसकी छोटी बहन के घर गये थे। उसके घर पर उसके दोनों बच्चे अकेले थे।

करीब 12.30 बजे उसके लड़के ने फोन पर बताया कि दीदी करीब 10.30 बजे ओरियंटल बैंक की पासबुक लेकर कमानी गेट बैतूल के पास स्थित ओरियंटल बैंक गयी थी। उसे करीब 02 घण्टे हो गये हैं और अभी तक वापस नहीं आयी है। इस पर वह और उसकी पत्नी दोनों करीब 1 बजे उनके घर वापस आये और उन्होंने पीड़िता को उसकी सहेलियों के घर, नाते-रिश्तेदारों से पता किया, किंतु उसकी पुत्री पीड़िता का कहीं कुछ पता नहीं चला। उसे शंका है कि उसकी पुत्री पीड़िता को कोई अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर ले गया है। पीड़िता के पिता की उक्त शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध अपराध दर्ज कर प्रकरण विवचेना में लिया गया। इसके बाद 22 जनवरी को पीड़िता को दस्तयाब किया गया और उससे पूछताछ कर उसके कथन लेखबद्ध किये गये। जिसमें पीड़िता ने आरोपी द्वारा उसे जबरदस्ती परतवाड़ा और वहां से पुणे महाराष्ट्र ले जाना और उसके साथ बार-बार गलत काम (बलात्कार) करना बताया। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। पीड़िता को उसके माता-पिता के सुपुर्द किया गया।

आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन द्वारा सशक्त पैरवी करते हुए पीड़िता एवं साक्षियों के कथन पूर्ण सतर्कता एवं सावधानीपूर्वक कराये गये। जिसके परिणाम स्वरूप अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। इस आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया। (Betul Samachar)

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