Betul Murder Case Judgment: मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई शहर में करीब ढाई साल पहले एक युवती की सरेराह चाकू से निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस चिन्हित प्रकरण में न्यायालय ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले को चिन्हित प्रकरणों की सूची में शामिल किया गया था।
इस प्रकरण की जानकारी देते हुए एडीपीओ श्रीमती मालिनी देशराज ने बताया कि 3 मई 2023 को थाना मुलताई पुलिस को मोबाइल पर सूचना प्राप्त हुई कि नागपुर नाका रोड, मुलताई पर एक महिला की चाकू से निर्मम हत्या कर दी गई है।
मृतिका का सड़क पर पड़ा था शव
सूचना पर थाना मुलताई पुलिस स्टाफ तत्काल मौके पर पहुंचा। जहां मृतिका शेख सिमरन का शव अंडे की दुकान के सामने सड़क पर पड़ा हुआ मिला। मृतिका के गले और गाल पर धारदार हथियार से वार के निशान स्पष्ट रूप से पाए गए।
भाई ने दर्ज कराई मामले की एफआईआर
घटनास्थल पर मौजूद मृतिका के भाई पिंटू उर्फ शेख शहजाद पिता शेख अफजल निवासी नेहरू वार्ड, मुलताई की रिपोर्ट पर थाना मुलताई में अपराध क्रमांक 325/2023 धारा 302 भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
विवेचना में प्रमाणित पाया गया अपराध
विवेचना के दौरान आरोपी शानिफ पिता अन्नू उर्फ हनीफ मलिक उम्र 25 वर्ष निवासी गांधी वार्ड मुलताई के विरुद्ध अपराध प्रमाणित पाया गया। प्रकरण की विवेचना पूर्ण होने पर चालान क्रमांक 479/2023 दिनांक 28.07.2023 न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

गवाहों ने विपक्ष में दी थी गवाही
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए इसे चिन्हित प्रकरणों की सूची में सम्मिलित किया गया। विचारण के दौरान कुछ साक्षियों ने शासन के विपक्ष में गवाही दी। किंतु पुलिस द्वारा संकलित भौतिक साक्ष्य, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, फॉरेंसिक रिपोर्ट एवं वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने अपना पक्ष दृढ़ता से रखा।
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आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा
द्वितीय अपर सत्र न्यायालय, मुलताई ने प्रकरण की गहनता से सुनवाई करते हुए 13 अक्टूबर 2025 को आरोपी शानिफ पिता अन्नू उर्फ हनीफ मलिक उम्र 25 वर्ष निवासी मुलताई को धारा 302 भादंवि में दोषसिद्ध पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास एवं 10000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया।

प्रकरण में इनकी रही सराहनीय भूमिका
उक्त प्रकरण में सहायक निदेशक अभियोजन सत्यप्रकाश वर्मा के निर्देशन में एडीपीओ श्रीमती मालिनी देशराज द्वारा अत्यंत मेहनत, लगन एवं सूक्ष्मता से पैरवी की गई। विवेचना में तत्कालीन थाना प्रभारी मुलताई निरीक्षक प्रज्ञा शर्मा, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट निरीक्षक आबिद अहमद अंसारी (प्रभारी सीन ऑफ क्राइम जिला बैतूल), नोडल अधिकारी उप निरीक्षक अमित पवार, प्रधान आरक्षक अजाबराव पंडोले, आरक्षक नरेन्द्र कुशवाह एवं विवेक पवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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एसपी वीरेंद्र जैन ने की टीम की तारीफ
पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन ने इस मामले को लेकर थाना मुलताई पुलिस टीम, विवेचना अधिकारी, अभियोजन पक्ष तथा सीन ऑफ क्राइम यूनिट की सराहना की है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा तत्परता एवं पेशेवर तरीके से की गई विवेचना से ही न्यायालय में अभियोजन पक्ष सशक्त बनता है और अपराधियों को कड़ी सजा सुनिश्चित होती है।
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