Betul Court Decision: (बैतूल)। विशेष न्यायालय (एससी/एसटी एक्ट) बैतूल ने अनुसूचित जाति की मूक बधिर तथा मानसिक रूप से कमजोर महिला के साथ बलात्कार करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास एवं 2,500 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। अब आरोप अपने शेष प्राकृत जीवनकाल तक जेल में ही रहेगा।
न्यायालय ने आरोपी विजय पिता हरिभाऊ नौसरकार, उम्र 23 वर्ष, निवासी थाना मुलताई, जिला-बैतूल को यह सजा सुनाई है। उसे धारा 376(2) (एल) भादंवि सहपठित धारा 3 (2) (1) एससी/एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास (जो आरोपी के शेष प्राकृत जीवनकाल तक रहेगा) एवं 2,000 रुपये जुर्माना तथा एससी/एसटी एक्ट में 02 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक (एससी/एसटी एक्ट) शशिकांत नागले द्वारा पैरवी की गई। श्री नागले ने बताया कि 6 फरवरी 2022 को पीड़िता के चचेरे भाई ने थाना मुलताई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पीड़िता उसके चाचा की बेटी है, जो बचपन से ही दिमागी रूप से कमजोर है। एक दिन पहले जब वह शाम को मजदूरी करके घर वापस आया, तब उसे बताया गया कि पीड़िता घर पर नहीं है, कहीं चली गयी है।
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झोपड़े में कर रहा था दुराचार (Betul Court Decision)
तलाश करने के दौरान गांव के ही एक टूटे पड़े मकान पर फरियादी का ध्यान गया तो उसने जाकर देखा तो आरोपी विजय नौसरकार पीड़िता के साथ बलात्कार कर रहा था। आरोपी ने पीड़िता के मुंह को अपने हाथ से दबा रखा था। पीड़िता के चचेरे भाई ने आरोपी विजय को पकड़ा तो वह धक्का देकर भाग गया। घटना के बाद पीड़िता बहुत रो रही थी।
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पूरी की गई सभी कार्यवाही (Betul Court Decision)
फरियादी की शिकायत पर थाना मुलताई द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। विवेचना के दौरान पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। आरोपी को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता की अनुसूचित जाति का होने के संबंध में दस्तावेज प्राप्त कर प्रकरण में संलग्न किये गये।
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न्यायालय में सिद्ध हुआ आरोप (Betul Court Decision)
पुलिस थाना मुलताई द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय (एससी/एसटी एक्ट) बैतूल के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया, जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध पाकर दंडित किया गया।
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