▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Opend Borewells In Betul : बैतूल जिले के आठनेर ब्लॉक के ग्राम मांडवी में हाल ही में खुले बोरवेल में गिरने से एक मासूम की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत सभी खुले बोरवेल बंद करने का दावा किया गया था। हालांकि यह दावा पूरी तरह सही साबित नहीं हो रहा है। जिले में अभी भी कई बोरवेल खुले पड़े हैं और बच्चों की जान के लिए खतरा बने हैं।
ऐसा ही एक मामला मामला बैतूल जिले के विकासखंड भैंसदेही की ग्राम पंचायत केरपानी का सामने आया है। यहाँ ग्राम केरपानी के निकट आधा दर्जन मकान वाले मोरनढाना में एक मकान के पास खुला बोर है। इन मकानों में रहने वाले आदिवासी ग्रामीणों के बच्चे अक्सर इस बोर के आस-पास खेलते रहते हैं। इसके चलते यह बोर उनके लिए खतरा बना है, लेकिन बावजूद इसके इस बोर को बंद नहीं किया गया है।
ग्रामीण बताते हैं कि यह बोर करीब एक साल पहले खनन किया गया था। इसमें पानी भी है। आश्चर्य की बात तो यह है कि यह बोरवेल खुद पीएचई विभाग ने किया था। खनन के बाद विभाग ने तो इसमें हैंडपंप लगाया और न ही सुरक्षित बंद ही किया। इसके चलते एक साल से यह इसी हालत में पड़ा है।
बताया जाता है कि पानी होने से ग्रामीण इसमें हैंडपंप लगाने या बंद करने की मांग तक कर चुके हैं। उसके बावजूद उनकी न विभाग ने सुनी और न ही ग्राम पंचायत इसे लेकर कोई गंभीरता दिखा रही है। यही कारण है कि यह खुला पड़ा बोरवेल कभी भी मासूम बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यही कारण है कि ग्रामीण हमेशा चिंतित रहते हैं।
बंद कराने का किया था दावा
मांडवी की घटना के बाद जिला प्रशासन ने टीमें बनाकर बाकायदा सर्वे कराया था। इसके बाद खुले पड़े बोरवेल बंद करवाए थे। इन टीमों की रिपोर्ट के आधार पर सभी अनुविभागीय अधिकारियों ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट भी दी थी कि उनके क्षेत्र के सभी खुले बोरवेल बंद करवा दिए गए हैं।
यह खुला बोर खोल रहा पोल
प्रशासन के दावे की यह खुला पड़ा बोरवेल खुद पोल खोल रहा है कि पूरी गंभीरता से न तो सर्वे हुआ और न ही सभी खुले बोर बंद कराए गए हैं। यदि ऐसा होता तो यह बोर साल भर से खुला नहीं रहता। ग्रामीणों ने इसे बंद कराने या फिर हैंडपंप लगाने की मांग के साथ ही यह मांग भी की है कि अभियान के तहत इस क्षेत्र में सर्वे और बोर बंद कराने वाली टीम पर भी कार्रवाई की जाएं।