Subsidy for vegetable farmers MP: मध्य प्रदेश में बढ़ते शहरीकरण के चलते स्वास्थ्य जागरुकता और पोषणयुक्त आहार की लगातार मांग बढ़ रही है। इसे ध्यान में रखते हुए बड़े शहरों के आसपास देशी-सब्जियों की उन्नत किस्म के क्लस्टर विकसित किए जाएंगे। इसके लिए किसानों को अनुदान भी प्रदेश सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत देशी-सब्जियों को स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के अनुसार उत्पादन प्रोत्साहन का काम उद्यानिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। आयुक्त उद्यानिकी अरविन्द दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत शहरी क्षेत्र के आसपास देशी सब्जियों की नई एवं उन्नत किस्म के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
देशी सब्जियों को करेंगे प्रोत्साहित
इसके चलते विभाग द्वारा सभी 10 संभागों के जिलों के नगरीय क्षेत्र के आसपास परंपरागत सब्जियों की नवीन उन्नत किस्म को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसमें तोरी/गिलकी, परवल, चिचिंडा, लौकी, करेला, टिंडा, खीरा, बैंगन, मुनगा, कुंदरु, चौलाई, पालक, पोई साग, गरूणी/भाजी, कचरी, अरबी, शकरकंद, कसावड़ तथा कटुक/स्टार गूसबेरी सब्जी फसलों के उत्पादन पर अनुदान सहायता दी जा रही है।
इस तरह मिलेगा योजना का लाभ
इस योजना का लाभ लेने के लिए सब्जी उत्पादकों को एमपी एफएसटीएस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। परियोजना के तहत हितग्राहियों को प्रति हेक्टेयर निर्धारित इकाई लागत 60 हजार प्रति हेक्टेयर पर 40 प्रतिशत 24 हजार रुपए तक अनुदान दिया जाता है।
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स्वयं की भूमि-सिंचाई सुविधा जरुरी
आयुक्त श्री दुबे ने बताया कि योजना से जुडऩे के लिए कृषक के पास स्वयं की भूमि और सिंचाई सुविधा होना चाहिए। योजना से जुड़े किसानों को सब्जी उत्पादन तकनीकी एवं विपणन का प्रशिक्षण उद्यानिकी विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
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