School Soil Health Program नई दिल्ली। अब किसान भाइयों को अपने खेतों की मिट्टी परीक्षण कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने मिट्टी का आसानी से परीक्षण करने और उसकी रिपोर्ट देने के लिए एक लाजवाब पहल की है। अब स्कूली छात्र भी मिट्टी परीक्षण करेंगे, उसका परीक्षण करेंगे और उसकी रिपोर्ट बनाएंगे। देश भर के 1000 स्कूलों में यह अनूठी पहल की गई है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की चार महत्वपूर्ण पहलों मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल एवं मोबाइल एप्लिकेशन, स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम, कृषि सखी अभिसरण कार्यक्रम एवं उर्वरक नमूना परीक्षण के लिए सीएफक्यूसीटीआई (केंद्रीय उर्वरक गुणवत्ता नियंत्रण और प्रशिक्षण संस्थान) के पोर्टल का शुभारंभ गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कृषि भवन, दिल्ली में किया।
पहले 20 स्कूलों में की थी शुरूआत (School Soil Health Program)
स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पहले पायलट परियोजना शुरू की गई थी। जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 20 केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों में मृदा प्रयोगशालाएं स्थापित कर अध्ययन मॉड्यूल विकसित किए और छात्रों-शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। मोबाइल एप को स्कूल कार्यक्रम के लिए अनुकूलित किया गया।
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किसानों को देंगे आवश्यक जानकारी (School Soil Health Program)
अब, इस कार्यक्रम को 1000 स्कूलों में बढ़ाया गया है। केंद्रीय-नवोदय विद्यालय व एकलव्य मॉडल स्कूल कार्यक्रम में शामिल किया गया है। स्कूलों को पोर्टल पर जोड़ा जा रहा और ऑनलाइन बैच बनाए जा रहे हैं। नाबार्ड के जरिये कृषि मंत्रालय स्कूलों में मृदा लैब्स स्थापित करेगा।
छात्र मृदा नमूने एकत्र करेंगे, स्कूलों में स्थापित प्रयोगशालाओं में परीक्षण करेंगे और मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाएंगे। इसके बाद वे किसानों के पास जाएंगे व उन्हें मृदा स्वास्थ्य की अनुशंसा के बारे में शिक्षित करेंगे।
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जैव विविधता की हो सकेगी समझ (School Soil Health Program)
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा प्रयोग करने, मृदा नमूनों का विश्लेषण करने और मृदा में उपस्थित आकर्षक जैव विविधता के विषय में जानकारी जुटाने का अवसर प्रदान करेगा। व्यावहारिक गतिविधियों में संलग्न होने पर, विद्यार्थियों में समीक्षात्मक रूप से विचार करने का कौशल, समस्या निवारण करने की क्षमता और पारिस्थितिक तंत्र के अंतर्संबंधता की व्यापक समझ विकसित होगी।
स्कूलों में स्थापित की प्रयोगशालाएं (School Soil Health Program)
इस मौके पर श्री मुंडा ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सहयोग से स्कूल मृदा स्वास्थ्य कार्यक्रम पर पायलट परियोजना शुरू की है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ केंद्रीय और नवोदय विद्यालयों में मृदा प्रयोगशालाएं स्थापित की गईं। छात्रों व शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया, जो अपने गांवों व कृषि क्षेत्र के विकास में सहभागी होंगे।
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छात्रों को भी मिलेगा व्यवहारिक ज्ञान (School Soil Health Program)
केंद्र सरकार के इस अनूठे कार्यक्रम के तहत केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और एकलव्य मॉडल स्कूलों को शामिल किया गया है। ये प्रतिभागी कृषि अनुकूल माहौल बनाने में सफल होंगे और इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें भी व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये पहलें देश के किसानों के लिए विराट व प्रमुख हैं।
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जैविक क्षेत्र को बनाए रखें अच्छा (School Soil Health Program)
उन्होंने रियल-टाइम मृदा स्वास्थ्य व उर्वरता क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया, ताकि किसान इन पहलों को अपनाकर खेत में मृदा परीक्षण कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें, साथ ही प्राकृतिकता बनी रहें। श्री मुंडा ने कहा कि देश में जैविक व प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए, जहां मृदा क्षरण बहुत बड़ी मात्रा में हुआ है, वहां सुधार की गुंजाइश पैदा की जाएं और जो क्षेत्र आज भी जैविक है, वहां मृदा को अच्छा बनाए रखने के लिए डेटा तैयार करें।
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