Rice Export MP : चावल निर्यात से प्रतिबंध हटा, किसानों को होगा लाभ

Rice Export MP : चावल निर्यात से प्रतिबंध हटा, किसानों को होगा लाभ

Rice Export MP : भोपाल। केंद्र सरकार के गैर-बासमती चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने का निर्णय देश के चावल उत्पादकों को भरपूर राहत देने वाला साबित होगा। मध्यप्रदेश के चावल उत्पादक किसानों को लाभ होगा। पिछले 10 सालों में 2015 से वर्ष 2024 तक 12,706 करोड़ रूपये का चावल निर्यात हुआ है। सबसे ज्यादा 3634 करोड़ का चावल निर्यात इसी साल हुआ है।

उल्लेखनीय है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशालय की 28 सितंबर को जारी अधिसूचना के अनुसार गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, पारबॉइल्ड और ब्राउन चावल पर निर्यात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया। इससे किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में और ज्यादा लाभ मिल सकेगा।

बीते दस सालों में चावल निर्यात की स्थिति

Rice Export MP : चावल निर्यात से प्रतिबंध हटा, किसानों को होगा लाभ

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की सराहना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कृषि निर्यात में सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक निर्णय है, जो देश और मध्यप्रदेश के किसानों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान स्थापित करने में मदद करेगा।

इन जिलों के किसान लाभान्वित

केन्द्र सरकार के इस फैसले का लाभ मध्यप्रदेश के चावल उत्पादक क्षेत्रों के किसानों को होगा। राज्य के प्रमुख चावल उत्पादन क्षेत्रों में जबलपुर, मंडला, बालाघाट और सिवनी शामिल हैं। ये अपनी उच्च गुणवत्ता वाले जैविक और सुगंधित चावल के लिए प्रसिद्ध हैं।

इनमें मंडला और डिंडोरी के जनजातीय क्षेत्रों का सुगंधित चावल और बालाघाट के चिन्नौर चावल को जीआई टैग प्राप्त है। इस पहचान के कारण यहां के चावल को अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में लोकप्रियता मिली है।

इन देशों को किया जाता है निर्यात

मध्यप्रदेश से चावल के प्रमुख निर्यात बाजारों में चीन, अमेरिका, यूएई और यूरोप के कई देश शामिल हैं। इस निर्णय से न केवल राज्य के चावल उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी बल्कि जनजातीय क्षेत्रों के उत्पादों को भी वैश्विक पहचान मिलेगी।

प्रदेश के चावल उद्योग में आई तेजी

मध्यप्रदेश के चावल उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में अत्यधिक वृद्धि देखी है। इन सालों में 200 से अधिक नई चावल मिलों की स्थापना हुई है। इस फैसले से प्रदेश के किसानों और निर्यातकों को अच्छा लाभ मिलने की संभावना है। अब वे अपने चावल को न्यूनतम निर्यात मूल्य से अधिक दरों पर अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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