Railway Waiting Ticket Rules: ट्रेन की वेटिंग टिकट वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, रेलवे ने दिया यह बड़ा अपडेट

Railway Waiting Ticket Rules: बहुत से लोगों को यह असमंजस रहता है कि यदि रेलवे का वेटिंग टिकट है तो वे ट्रेन से सफर कर सकते हैं या नहीं? कई लोग इसी असमंजस के कारण वेटिंग टिकट होने और जरुरी होने पर भी यात्रा नहीं करते हैं। अब इसे लेकर खुद रेलवे द्वारा ही स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इसका जवाब हां भी है और ना भी।

मध्य रेल के नागपुर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी यश जनबंधु द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इसके लिए दो अलग-अलग स्थितियां हैं। दरअसल, टिकट दो तरह से ली जाती है। एक तो ऑनलाइन टिकट बुक कराई जाती है और दूसरा रेलवे के पीआरएस सेंटर यानी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम केंद्र से ली जाती है। यह केंद्र रेलवे स्टेशनों पर होते हैं जहां जाकर लोग टिकट बुक करवाते हैं। वेटिंग टिकटों के लिए दोनों के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं।

दरअसल, ऑनलाइन जो टिकट बुक कराई जाती है वह कन्फर्म यदि नहीं होती है तो चार्ट बनते ही खुद ब खुद टिकट कैंसिल हो जाती है और उसका रिफंड तत्काल ही उस बैंक खाते में पहुंच जाता है जिस खाते से उसका भुगतान किया जाता है। इसके विपरीत पीआरएस सेंटर से ली गई टिकटों के साथ ऐसा नहीं होता है। इन टिकटों को ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय से 30 मिनट पहले तक पीआरएस केंद्रों पर जाकर रद्द कराना होता है। यात्री जब तक यह टिकट खुद जाकर रद्द नहीं कराता है तब तक यह टिकट रद्द नहीं होता है।

यात्रा कर सकते हैं पर जनरल डिब्बे में

यदि पीआरएस से लिया टिकट कन्फर्म नहीं होता और टिकट लेने वाले व्यक्ति निर्धारित समय के भीतर इसे कैंसिल कराकर रिफंड का दावा नहीं करते हैं तो वे इस टिकट से अपनी यात्रा कर सकते हैं। हालांकि वे इस टिकट के जरिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा नहीं कर सकते हैं बल्कि उन्हें अपनी यात्रा अनारक्षित या जनरल डिब्बे में करना होगा। हां, ऑनलाइन टिकट खुद ही निरस्त हो जाने से ऑनलाइन टिकट लेने वाले इस तरह से किसी भी हालत में यात्रा नहीं कर सकते।

रेलवे ने यात्रियों से की यह अपील

रेलवे प्रशासन ने सभी यात्रियों से अपील की है कि वे वैध यात्रा टिकट के साथ यात्रा करें और बिना कन्फर्म या आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसलेशन) टिकट के आरक्षित डिब्बों में न बैठें। आंशिक रूप से कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के मामले में, जिनका आरक्षण कन्फर्म है, वे अपने निर्धारित श्रेणी में यात्रा कर सकते हैं, जबकि प्रतीक्षा सूची वाले यात्री केवल अनारक्षित डिब्बों में यात्रा कर सकते हैं।

बेटिकट यात्रियों से वसूला इतना जुर्माना

मध्य रेल के नागपुर मंडल ने यात्रियों की सुरक्षित, आरामदायक और निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के अपने प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। फरवरी 2025 में किए गए गहन टिकट जांच अभियानों के माध्यम से, मंडल ने 26 फरवरी तक बिना उचित टिकट या अनियमित यात्रा करने वाले 28,405 यात्रियों से 1.73 करोड़ का राजस्व अर्जित किया है।

बड़े पैमाने पर चलाए गए मंडल द्वारा अभियान

नागपुर मंडल द्वारा 10 किलेबंदी जांच, 3 व्यापक जांच, 11 घातक जांच, 4 मजिस्ट्रेट जांच, 4 स्पॉट जांच और 6 क्रॉस-कंट्री जांच आयोजित की गईं, जिससे टिकट नियमों को कड़ाई से लागू किया गया। ये बड़े पैमाने पर किए गए अभियान टिकट रहित यात्रा को रोकने और यात्री सेवाओं को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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