Outsourced Employee MP: मध्यप्रदेश में नियमित कर्मचारियों के बाद अब आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारी भी बड़ा आंदोलन करने की तैयारी में है। वे यह आंदोलन 10 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र के दौरान करेंगे। इन कर्मचारियों का यह निर्णायक आंदोलन होगा। आंदोलन का निर्णय शनिवार को हुई कोर कमेटी, जिला अध्यक्षों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया।
इस आंदोलन के जरिए कर्मचारी सरकार से न्यूनतम वेतन, लघु कैडर बनाने, विभाग में संविलियन और नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को वापस लेने की मांग करेंगे। आउटसोर्स कर्मचारियों की प्रमुख मांगें यह है कि आउटसोर्स कंपनियों को हटाकर उन्हें सीधे विभाग से वेतन का भुगतान किया जाएं।
पहले दिया जाएगा ज्ञापन
बैठक में यह तय किया गया है कि 3-4 मार्च को भाजपा और कांग्रेस विधायकों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। ताकि विधानसभा में कर्मचारियों का मुद्दा उठाया जा सके। इसके बाद 9 मार्च को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर सभी कर्मचारी एकत्रित होंगे।
इसके बाद वे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन देने के लिए भाजपा मुख्यालय जाएंगे। वहां पर श्री शर्मा को आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही सरकार से न्याय की मांग की जाएगी।
10 मार्च को होगा धरना प्रदर्शन
इसके बाद 10 मार्च को डीपीआई, विकास भवन और एनएचएम कार्यालयों पर एक साथ धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इन धरनों में शिक्षा, स्वास्थ्य और पंचायतों के कर्मचारी भी शामिल होंगे।
नहीं मिल रही कर्मचारियों को सुविधाएं
कर्मचारी मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के अनुसार प्रदेश में बड़ी संख्या उन कर्मचारियों की है जो कि काम तो सरकारी विभागों में कर रहे हैं, लेकिन इन्हें बेहद कम वेतन मिल रहा है। इन्हें निर्धारित न्यूनतम वेतन और अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है।