Naukari Ke Avasar : भारत में नौकरियों का ट्रेंड खासा बदला है। पहले जो क्षेत्र बड़े पैमाने पर नौकरियां देते थे वे अब बेहद पीछे रह गए हैं। वहीं नए-नए क्षेत्रों ने नौकरियों का अंबार लगा दिया है। ऐसा ही एक क्षेत्र है नवीकरणीय ऊर्जा का क्षेत्र। इसके यदि आंकड़ें देखेंगे तो युवा और अभिभावक अपनी सोच और स्टे्रटजी ही बदल डालेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) की 2024 वार्षिक समीक्षा के मुताबिक, वर्ष 2023 में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र ने एक अहम पड़ाव हासिल किया। जिसमें अनुमानित 1.02 मिलियन नौकरियां पैदा हुईं। वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा कार्यबल 2023 में बढ़कर 16.2 मिलियन हो गया, जो 2022 में 13.7 मिलियन था।
जाहिर है कि भारत ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के सहयोग से बनाई गई रिपोर्ट, स्वच्छ ऊर्जा में भारत के बढ़ते नेतृत्व और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली हरित नौकरियां पैदा करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
हाइड्रोपॉवर बना सबसे बड़ा नियोक्ता
भारत में हाइड्रोपावर इस क्षेत्र में सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में उभरा है, जिसने करीब 453,000 नौकरियां प्रदान कीं, जो वैश्विक कुल का 20 प्रतिशत और चीन के बाद दूसरे स्थान पर था। इसके बाद है सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) क्षेत्र, जिसमें ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों प्रणालियों में लगभग 318,600 लोगों को रोजगार मिला।
वर्ष 2023 में, भारत 9.7 गीगावॉट सौर पीवी क्षमता का योगदान देकर नई स्थापनाओं और संचयी क्षमता के लिए विश्व स्तर पर पांचवें स्थान पर पहुंच गया, जो वर्ष के अंत तक 72.7 गीगावॉट तक पहुंच गई। कुल सौर कार्यबल में से, 238,000 नौकरियाँ ग्रिड से जुड़े सौर पीवी में थीं, जो वर्ष 2022 से 18 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है, जबकि लगभग 80,000 व्यक्तियों ने ऑफ-ग्रिड सौर क्षेत्र में काम किया।
पवन ऊर्जा ने दी इतनी नौकरियां
पवन ऊर्जा क्षेत्र ने करीब 52,200 लोगों को रोजगार दिया, जिनमें से करीब 40 प्रतिशत नौकरियां संचालन और रखरखाव में तथा 35त्न निर्माण और इंस्टालेशन में थीं। अन्य नवीकरणीय ऊर्जा उपक्षेत्रों ने भी रोजगार सृजन में योगदान दिया, जिसमें तरल जैव ईंधन ने 35,000 नौकरियां प्रदान कीं।
ठोस बायोमास ने 58,000 नौकरियों के अवसर पैदा किए तथा बायोगैस ने 85,000 नौकरियां पैदा कीं। इसके अतिरिक्त, सौर हीटिंग और कूलिंग क्षेत्र ने 17,000 लोगों को रोजगार दिया, जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा उद्योग के भीतर विविध और विस्तारित रोजगार के अवसरों को उजागर करता है।
नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते कदम
भारत के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुसार, कुल नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता अब 203.18 गीगावॉट है। भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में महज एक साल में 24.2 गीगावॉट (13.5 प्रतिशत) की शानदार वृद्धि हुई है।
ये अक्टूबर 2024 में 203.18 गीगावॉट तक पहुंच गई, जो अक्टूबर 2023 में 178.98 गीगावॉट थी। इसके अतिरिक्त, परमाणु ऊर्जा को शामिल करने पर, भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 2023 में 186.46 गीगावॉट की तुलना में साल 2024 में बढ़कर 211.36 गीगावॉट हो गई।
भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता
भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावॉट तक पहुंच गई है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, समग्र बिजली मिश्रण का एक अहम हिस्सा है। अक्टूबर 2024 तक, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 203.18 गीगावॉट है, जो देश की कुल स्थापित क्षमता का 46.3 प्रतिशत से अधिक है। यह भारत के ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है, जो स्वच्छ तथा गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों पर देश की बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में अग्रणी राज्य
भारत में कई राज्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में अग्रणी बनकर उभरे हैं और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। राजस्थान अपनी विशाल भूमि और प्रचुर मात्रा में सूर्य के प्रकाश से लाभान्वित होकर 29.98 गीगावॉट इंस्टाल्ड नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के साथ सूची में शीर्ष पर है।
इसके बाद गुजरात है, जो सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं पर अपने मजबूत फोकस के कारण 29.52 गीगावॉट की क्षमता के साथ सूची में दूसरे स्थान पर मौजूद है। पर्याप्त ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अपने अनुकूल पवन पैटर्न का लाभ उठाते हुए, तमिलनाडु 23.70 गीगावॉट के साथ तीसरे स्थान पर है। सौर तथा पवन ऊर्जा पहलों के मिश्रण से समर्थित 22.37 गीगावॉट की क्षमता के साथ कर्नाटक भी शीर्ष चार में शामिल है।
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com