Noorjahan Mango: गर्मी में आम का सीजन होता है। आम सभी को पसंद तो होते ही है। आम के कई वैरायटी देश में चर्चा में रहती है और सभी इनका स्वाद भी जानते है। लेकिन पूरे भारत में सबसे ज्यादा एक आम चर्चा में रहता है। इसे आम की मल्लिका भी कहा जाता है। सबसे हैरान करने वाली बात है कि आम की इस वैरायटी के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं। अगर आप इसकी कीमत के बारे में सुनेंगे तो चौक जाएंगे। आपको बताते हैं भारत के इस महंगे और रसीले आम के बारे में…

पूरे भारत में है सिर्फ 3 पेड़
भारत के इस सबसे महंगे आम की खेती देश के दिल यानी मध्य प्रदेश में होती है। अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा गाँव के शिवराज सिंह जाधव के बगीचे में पाया जाने वाला नूरजहां आम अपने आप में बेहद खास है। अपने स्वाद में यह बेजोड़ तो है ही, लेकिन इसकी सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका आकर और वजन है। तस्वीरो में अभी सामान्य आकर और वजन का दिखने वाला यह आम सामान्यतः एक पपीते से भी बड़ा और ज्यादा वजन का होता है।
नूरजहां आम के बगीचे के मालिक शिवराज सिंह जाधव बताते है कि इस प्रजाति के एक आम का वजन 3 किलो से ले कर 5 किलो तक होता है। इतना ही नहीं इसके एक फल की कीमत 1000 से लेकर 1200 रूपये होती है। हैरान करने वाली बात है कि यहां इस आम के सिर्फ 3 ही पेड़ हैं।
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200 ग्राम तो होता है गुठली का वजन
नूरजहां की गुठली का वजन 150 से 200 ग्राम के बीच होता है ‘मंसूरी ने बताया कि वर्ष 2019 में नूरजहां के फलों का वजन औसतन 2.75 किलोग्राम के आस-पास रहा था। बागवानी के जानकारों ने बताया कि नूरजहां के पेड़ों पर आमतौर पर जनवरी-फरवरी से बौर आने शुरू होते हैं और इसके फल जून की शुरुआत में पककर बिक्री के लिए तैयार हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि नूरजहां के भारी-भरकम फल तकरीबन एक फुट तक लम्बे हो सकते हैं और इनकी गुठली का वजन 150 से 200 ग्राम के बीच होता है।
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अफगानिस्तान से आए थे आम के पेड़ (Noorjahan Mango)
इन पेड़ से साल में सिर्फ 100 आम की पैदावार होती है। इस आम को खरीदने के लिए मुंबई, दिल्ली सहित कई बड़े शहरों से डिमांड आती है। रुमाल बघेल के अनुसार, नूरजहां आम की पैदावार अफगानिस्तान में हुई थी। वर्ष 1577 से 1645 के दौरान जब इसे भारत लाया गया तो मल्लिका नूरजहां के नाम पर इस आम का नाम पड़ा था। इस आम के कुछ पौधों को मध्य प्रदेश के अलीराजपुर लाया गया था। तब से नूरजहां आम की पैदावार यहां होने लगी है। पूरे देश में नूरजहां किस्म के आम के मात्र तीन ही पेड़ बचे हैं।
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