मुंबई (अनिल बेदाग) (Success Story)। राजस्थान (Rajasthan Girl) के बूंदी जिले (Bundi Rajasthan) की नैनवां तहसील के छोटे से गाँव धनवा की रहने वाली आरती बसवाल (Aarti Baswal) ने यह साबित कर दिया कि अगर जज्बा सच्चा हो तो संसाधनों की कमी कोई मायने नहीं रखती। खेती-किसानी पर निर्भर, आर्थिक रूप से सीमित परिवार की इस बेटी ने नीट 2025 (NEET 2025) में अपनी श्रेणी में ऑल इंडिया 239वीं रैंक (NEET Topper 2025) प्राप्त की है। अब वह जल्द ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला (Rural Success Story) लेने जा रही है।
आरती के पिता राजेश खटीक एक मेहनतकश किसान हैं। परिवार की आजीविका सिर्फ 7-8 बीघा जमीन पर आधारित है, जिससे होने वाली सीमित आमदनी में पूरे परिवार का गुजारा होता है। ऐसे में डॉक्टर बनने जैसा सपना देखना एक असंभव सोच जैसा लगता था, लेकिन आरती ने इस सोच को बदलकर रख दिया।

कन्हैया की सफलता से जागा आत्मविश्वास (Success Story)
उसे प्रेरणा मिली अपने ही गाँव के कन्हैया लाल मीणा से, जिसने कुछ साल पहले मोशन एजुकेशन कोटा (Motion Kota) से नीट की तैयारी कर एमबीबीएस में चयन (MBBS Admission) पाया था। उसी की सफलता ने आरती के भीतर भी आत्मविश्वास जगाया। उसने भी तय किया कि वह कोटा जाकर मोशन से ही पढ़ाई करेगी।
छोटी सी गलती से फॉर्म हुआ रिजेक्ट (Success Story)
इस लक्ष्य को पाने में आर्थिक परिस्थिति बड़ी बाधा थी। उसने राज्य सरकार की एक योजना में आवेदन किया, मगर एक छोटी सी त्रुटि के कारण उसका फॉर्म अस्वीकृत हो गया। यह पल उसके लिए निराशाजनक हो सकता था, लेकिन आरती ने हार नहीं मानी।

नाम मात्र के शुल्क पर दी कोचिंग (Success Story)
उसने अपनी स्थिति मोशन एजुकेशन कोटा के प्रबंधन को बताई। संस्था ने मानवीयता दिखाते हुए आरती को नाममात्र शुल्क पर कोचिंग देने का निर्णय लिया। इसके साथ ही उसे मिला श्रेष्ठ मार्गदर्शन, टेस्ट सीरीज, डाउट काउंटर और शानदार स्टडी मटेरियल, जिसने उसकी तैयारी को नई दिशा दी।
परिवार में आज तक नहीं बना डॉक्टर (Success Story)
भावुक होते हुए आरती कहती है- मैं हिंदी माध्यम (Hindi Medium Success) की छात्रा हूँ। गाँव से हूँ, सीमित साधनों से हूँ लेकिन, आज मैंने साबित कर दिया कि अगर मन में ठान लो, तो सफलता को झुकना ही पड़ता है। मेरे घर में आज तक कोई डॉक्टर नहीं बना, लेकिन अब मैं पहली डॉक्टर (Girls Education) बनूंगी। मोशन कोटा ने सिर्फ पढ़ाया नहीं, मुझे यह यकीन दिलाया कि मैं कर सकती हूँ।
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आरती की प्रेरणा हजारों बेटियों के लिए प्रेरणा (Success Story)
आरती की यह सफलता न केवल उसके परिवार, गाँव और जिले के लिए गर्व की बात है, बल्कि उन हजारों बेटियों के लिए प्रेरणा (Inspirational Story) है जो सीमित संसाधनों, हिंदी माध्यम या ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के बावजूद बड़े सपने देखने का साहस रखती हैं।
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