
National Taekwondo Tournament: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में चल रहे 67वें नेशनल स्कूल ताइक्वांडो टूर्नामेंट (National Taekwondo Tournament) में 15 साल की कनिष्का ने सिल्वर मेडल जीता जो न बोल सकती है और न सुन सकती है। लेकिन उन्होंने अपनी दिव्यांगता को हराकर मंजिल की ओर कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। बचपन से ही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेने का शौक अब अलग पहचान दिला रहा है। कनिष्का ने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ली।
इस ट्रेनिंग के दौरान कनिष्का को कई मुश्किलें , क्योंकि न वो बोल सकती थी और न ही सुन सकती थी। सिखाने वालों के सामने भी चैलेंज था, पर कनिष्का की लगन ने उसे राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना दिया। ताइक्वांडो में स्टेट लेवल पर पांच गोल्ड जीतने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर जीतने के बाद बैतूल में दूसरा सिल्वर जीता।
15 साल की कनिष्का जन्म से ही न बोल सकती है न सुन सकती है। पर उन्होंने अपनी दिव्यांगता को हरा कर अपनी मंजिल पा ली है। कनिष्का जैसे प्रतिभाशाली बच्चे कम ही देखने को मिलते है जो ठान लेते उसे पाकर ही चैन लेते है। बचपन से ही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेने का शौक अब उन्हें अलग पहचान दिला रहा है।
मुश्किलों को पारकर आगे बढ़ीं कनिष्का (National Taekwondo Tournament)
कनिष्का ने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ली। इस ट्रेनिंग में कनिष्का को मुश्किलें तो आईं क्योंकि न वो बोल सकती थी और न ही सुन सकती थी। सिखाने वालों के सामने भी चैलेंज था। पर कनिष्का की लगन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बना दिया। वह पहले ही ताइक्वांडो में स्टेट लेवल पर पांच गोल्ड जीतने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर जीत चुकी हैं और अब बैतूल में दूसरा सिल्वर जीता है। डेफ स्कूल में सातवीं कक्षा पढ़ने वाली 15 साल की कनिष्का अंडर 68 वेट केटेगरी में 17 साल आयु वर्ग के फीमेल खिलाड़ियों की मध्य प्रदेश की टीम में खेलती है।
कनिष्का मध्य प्रदेश की स्पोर्ट्स अकादमी में है और डेफ ओलंपिक की तैयारी कर रही हैं। मंगलवार को कनिष्का ने बैतूल में चल रहे नेशनल स्कूल ताइक्वांडो टूर्नामेंट में क्वाटर फाइनल गुजरात की खिलाडी को हराया। सेमी फाइनल पश्चिम बंगाल की राज रूपा को हराया और फाइनल में महाराष्ट्र की सिद्धि बेंडाले से हार गईं। कनिष्का ने सिल्वर जीत कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। स्पोर्ट एकेडमी प्रमुख कोच जगजीत सिंह का कहना है कि कनिष्का मेहनत बहुत करती हैं। ट्रेनिंग करने में काफी चैलेंज रहते हैं, पर वह लड़की बहुत जुझारू है। (National Taekwondo Tournament)

स्पोर्ट एकेडमी प्रमुख कोच जगजीत सिंह का कहना है, कनिष्का मेहनत बहुत करती है। ट्रेनिंग करने में काफी चेलेंज रहते हैं। हमको भी ट्रेनिंग करने में काफी चेलेंज रहते हैं, पर वह लड़की बहुत जुझारू है। हमें उम्मीद थी मेडल तो लेकर जाएगी। पर हमें उम्मीद थी कि गोल्ड जीतेगी। लेकिन किन्हीं कारणों से सिल्वर जीता उसके प्रदर्शन से हम लोग संतुष्ट हैं। अब डेफ ओलंपिक की तैयारी शुरू हो जाएगी। (National Taekwondo Tournament)
कोच अर्जुन रावत का कहना है, कनिष्का को अलग से ट्रेनिंग देनी पड़ती है। वह बाकी बच्चों से थोड़ी वीक है। हमें उम्मीद थी कि वह मेडल लेगी और उसका बैतूल में अच्छा प्रदर्शन रहा है। पांच मैच में से चार मैच नॉर्मल बच्चियों को हराकर जीती है। फाइनल में भी नॉर्मल बच्ची से मैच हारी है। (National Taekwondo Tournament)
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ। अनिल कुशवाहा का कहना है कि कनिष्का ने सिल्वर जीत कर मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। कनिष्का नॉर्मल बच्ची नहीं है। ऐसे में नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीतना बड़ी बात है ।
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