
Nano Dap Plant: (नई दिल्ली)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के गांधीनगर जिले के कलोल में इफको के नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणऔर रसायन एवं उवर्रक मंत्री मनसुख मांडविया सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस मौके पर अपने संबोधन में सहकारिता मंत्री श्री शाह ने कहा कि देश में अनाज की जरूरत और उत्पादन के अंतर को पूरा करने की ज़िम्मेदारी भारत की सहकारी संस्थाओं की है। उन्होंने कहा कि दस साल बाद जब कृषि क्षेत्र में हुए सबसे बड़े प्रयोगों की लिस्ट बनेगी तब इफ़को के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उसमें शामिल होंगे।

श्री शाह ने कहा कि समय की ज़रूरत है कि यूरिया का उपयोग घटा कर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा जाए लेकिन साथ ही उत्पादन बढ़ाने की भी आवश्यकताहै।श्री शाह ने कहा कि नैनो यूरिया का छिड़काव ज़मीन पर नहीं बल्कि पौधे पर किया जाता है और इससे धरती में मौजूद केंचुओं के मरने और प्राकृतिक तत्वों के नष्ट होने की संभावना शून्य होती है। अगर सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियाँ (PACS) इफ़को के साथ मिलकर नैनो यूरिया और नैनो डीएपी (Nano Dap Plant) का उपयोग करें तो बहुत जल्द ही हमारी धरती प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ेगी।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि इफको ने बहुत आधुनिक तरीके से संपूर्ण भारतीय प्लान्ट लगाने का काम किया है। मेक इन इंडिया का इससे बडा कोई उदाहरण ही नहीं हो सकता। इफको की कलोल इकाई ग्रीन टेक्नोलोजी आधारित नैनो डीएपी (Nano Dap Plant) की लगभग 42 लाख बोटल का उत्पादन करेगी जिससे निश्चित रुप से किसानों को बहुत फायदा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 60 प्रतिशत लोग कृषि आधारित जीवन निर्वाह कर रहे हैं और देश की 60 प्रतिशत जमीन भी कृषि लायक है, लेकिन वर्षों से किसान और कृषि दोनों की अनदेखी की जा रही थी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014 में जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनने से पहले किसानों के लिए भारत सरकार का बजट 22 हजार करोड रुपये था, जबकि प्रधानमंत्री मोदी जी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस बजट को 1 लाख 22 हजार करोड रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि बजट में 1 लाख करोड रुपये की बढोतरी का परिणाम भी मिला है।

वर्ष 2013-14 में किसानों को 7 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया गया था, जबकि 2023-24 में 19 लाख करोड रुपये का लोन किसानों को देने का काम नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने किया। उन्होंने कहा कि पहले उत्पादन 323 मिलियन टन था, और अब उत्पादन बढ़कर 665 मिलियन टन हो गया है।
वर्ष 2013—14 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 1310 रुपये प्रति क्विंटल थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने बढाकर इस बार 2203 रुपये प्रति क्विंटल कर दी जो लगभग 68 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि गेहूं की एमएसपी 1400 रुपये प्रति क्विंटल थी जो बढाकर 2275 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। बाजरे की एमएसपी 1250 प्रति क्विंटल थी और आज यह 2500 रुपया प्रति क्विंटल है जो कि 100 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
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सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोरोना के बाद जब विश्व बाजार में फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भाव बढ़े, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों पर बोझ नहीं डाला। वर्ष 2013-14 में फर्टिलाइजर की कुल सब्सिडी 73 हजार करोड़ रुपये थी और वर्ष 2023-24 में यह सबसिडी बढकर 2 लाख 55 हजार करोड़ रुपये हो गई है और इसका बोझ सरकार उठा रही है। (Nano Dap Plant)
श्री शाह ने इफको के शीर्ष अधिकारियों से नैनो यूरिया और डीएपी की अब तक की यात्रा को एक पुस्तक का रूप देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कलोल, फुलपुर और आंबला में तीन फैक्ट्री चालू हो चुकी है और अब तक आठ करोड़ बोतल बाज़ार में आ गई है और आने वाले दिनों में 18 करोड़ बोतल तक विस्तार होनेवाला है। उन्होंने कहा कि नैनो टेक्नोलोजी से पौधे के पोषण के अंदर बहुत बडा परिवर्तन होनेवाला है और यह किफायती एवं पोषक तत्वों से युक्त है। इससे खर्च में भी लगभग 8 से 20 प्रतिशत की बचत होती है। (Nano Dap Plant)
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