
Nahar Footane Se Nuksan : बैतूल। मध्यम सिंचाई योजना के सांपना जलाशय की एक नहर शनिवार रात्रि में फूट गई। इससे खेतों में पानी भर गया और वे तालाब की तरह नजर आने लगे। इससे गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। नहर फूटने के पीछे जल संसाधन विभाग की लापरवाही की बात कही जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल बाजार क्षेत्र के ग्राम भरकावाड़ी और भोगीतेढ़ा के बीच सांपना जलाशय की डी वन नहर बीती रात 11 बजे के करीब फूट गई। किसानों के अनुसार नहर में क्षमता से अधिक पानी छोड़ दिया गया। इससे नहर फूटी है। (Nahar Footane Se Nuksan)
नहर फूटने से उसका तेज बहाव का पानी किसानों के खेतों से होकर बह गया। जिसमें किसानों के खेतों में लगी गेहंू की फसल भी बह गई। साथ ही कई खेतों में पानी भरा गया और वे किसी तालाब की तरह नजर आ रहे हैं। (Nahar Footane Se Nuksan)

बाकी सभी नहरें की बंद (Nahar Footane Se Nuksan)
बताया जाता है कि टेल एरिया तेढ़ा में पानी नहीं पहुंच पा रहा था। इससे तीन-चार किसानों की सिंचाई बाकी रह गई थी। इसके लिए विभाग ने सभी नहरों को बंद कर इस डी वन नहर में पूरा पानी छोड़ दिया। इससे यह नहर फूट गई। (Nahar Footane Se Nuksan)

चार दिनों से हो रहा था रिसाव (Nahar Footane Se Nuksan)
किसानों का कहना है कि पिछले तीन-चार दिनों से नहर से पानी का रिसाव हो रहा था। नहर से पानी का रिसाव होकर वह सड़कों पर बह रहा था। जिसके बाद भी जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने संज्ञान नही लिया। (Nahar Footane Se Nuksan)
इसके अलावा हाल ही बडोरा की ओर जाने वाली वन-सी नहर में भी हनोतिया गांव के पास जगह-जगह से रिसाव होने और सड़क पर पानी आ जाने का मामला सामने आया था। पानी की हो रही बर्बादी से किसान चिंतित हैं। (Nahar Footane Se Nuksan)

इन्हें हुआ सबसे अधिक नुकसान (Nahar Footane Se Nuksan)
नहर फूटने से सबसे अधिक नुकसान भोगीतेढ़ा के किसान निरुपम रावत को हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब चार एकड़ खेत में पानी भरा गया है। गेहूं की फसल छोटी होने से फसल पानी में डूृब गई है। (Nahar Footane Se Nuksan)

रात भर बहता रहा खेत से पानी (Nahar Footane Se Nuksan)
पूरी रात उनके खेतों से पानी बहता रहा लेकिन कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहर पर नहीं आया। रविवार की सुबह 11 बजे नहर बंद की गई है। उनके खेतों में पानी भरने से उन्हें करीब डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हो गया है। (Nahar Footane Se Nuksan)
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पहले नहीं हुई साफ-सफाई (Nahar Footane Se Nuksan)
किसानों ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा पानी छोड़ने के पहले नहर की साफ-सफाई नहीं कराई गई थी। नहरों में कचरा होने से पानी का प्रेशर कम रहता है और प्रेशर बढ़ाने के लिए नहर में ज्यादा पानी छोड़ना पड़ा। (Nahar Footane Se Nuksan)
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नहर पर नहीं रहते चौकीदार (Nahar Footane Se Nuksan)
किसानों का कहना है कि नहर की देखरेख और खेतों में सिंचाई की व्यवस्था देखने के लिए विभाग द्वारा चौकीदार रखे जाते हैं, लेकिन नहरों पर चौकीदार रहते ही नही है। रात में भी डी वन नहर पर चौकीदार नहीं था। यही कारण है कि नहर फूटने के बाद सुबह तक पानी खेतों में भरा चुका था। (Nahar Footane Se Nuksan)
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अधिकारी बोले- मरम्मत करा दी (Nahar Footane Se Nuksan)
इस मामले में विभाग के एसडीओ भूपेंद्र सूर्यवंशी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि नहर रात में फूटी थी। सुबह सूचना मिलने पर नहर बंद कर नहर की मरम्मत करा दी गई है। नहर में केकड़ों द्वारा किए छेदों से पानी का रिसाव हुआ था। जिसकी वजह से नहर फूट गई थी। (Nahar Footane Se Nuksan)
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