Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति का यह है वैज्ञानिक पक्ष, अब संक्रांति पर उत्तरायण नहीं होता सूर्य

Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति का यह है वैज्ञानिक पक्ष, अब संक्रांति पर उत्तरायण नहीं होता सूर्य
Makar Sankranti 2024 : मकर संक्रांति का यह है वैज्ञानिक पक्ष, अब संक्रांति पर उत्तरायण नहीं होता सूर्य

Makar Sankranti 2024 : देश भर में सूर्य की आराधना से जुड़ा पर्व दक्षिण में पोंगल, पूर्व में बिहु तो मध्य भारत में मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस पर्व के वैज्ञानिक पक्ष की जानकारी देने नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने सूर्य का साइंस कार्यक्रम का आयोजन किया।

सारिका ने बताया कि मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है, लेकिन वास्तव में अब ऐसा नहीं होता है। हजारों साल पहले मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण हुआ करता था। इसलिये यह बात अब तक प्रचलित है ।

दिसंबर में ही हो चुका उत्तरायण (Makar Sankranti 2024)

सारिका ने बताया कि वैज्ञानिक रूप से सूर्य उत्तरायण 22 दिसम्बर को प्रात: 8 बजकर 57 मिनिट पर हो चुका है। उस समय सूर्य मकर रेखा पर था। इसके बाद दिन की अवधि बढ़ने लगी है । (Makar Sankranti 2024)

दूसरे तारामंडल में पहुंचने की घटना (Makar Sankranti 2024)

सारिका ने जानकारी दी कि संक्रांति का अर्थ सूर्य का एक तारामंडल से दूसरे तारामंडल में पहुंचने की घटना है। सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती पृथ्वी एक साल में 360 डिग्री घूमती है। (Makar Sankranti 2024)

15 जनवरी को करेगा प्रवेश (Makar Sankranti 2024)

इस दौरान पृथ्वी के आगे बढ़ने से सूर्य के पीछे दिखने वाला तारामंडल बदलता जाता है। जब सूर्य धनु तारामंडल छोड़कर मकर तारामंडल में प्रवेश करता दिखता है तो इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। इस वर्ष मान्यता के अनुसार यह 15 जनवरी को होने जा रहा है। (Makar Sankranti 2024)

हजारों साल पहले यह थे हाल (Makar Sankranti 2024)

आज से लगभग 1800-2000 वर्ष पूर्व मकर संक्रांति 22 दिसंबर के आसपास मानी जाती थी। उस समय संक्रांति और सूर्य उत्तरायण एक साथ होते थे। इसी गति और समय अन्तराल के बढ़ते क्रम के कारण यह संक्रांति अब 14-15 जनवरी तक आ गई है। (Makar Sankranti 2024)

सौ साल में बढ़ता है एक दिन (Makar Sankranti 2024)

लगभग 80 से 100 वर्ष में यह संक्रांति काल 1 दिन बढ़ जाता है। एक गणना के अनुसार एक साल में संक्रांति 9 मिनिट आगे बढ़ जाती है तथा 400 सालों में औसत रूप से 5.5 दिन आगे बढ़ जाती है। (Makar Sankranti 2024)

सोमवार को मनाया जाएगा पर्व (Makar Sankranti 2024)

अत: सूर्य का उत्तरायण तो 22 दिसम्बर को चुका है, लेकिन पतंग और तिल गुड़ की मान्यता के साथ सूर्य की महिमा को बताने वाले आगे बढ़ते मकर संक्रांति पर्व को सोमवार को मनाने पूरे उल्लास के साथ हो जाइएं तैयार। (Makar Sankranti 2024)

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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