Ladli Laxmi Yojana: (भोपाल)। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि प्रदेश के औसत 956 लिंगानुपात से निम्न वाले 13 जिलों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मंत्री डॉ. चौधरी पीसी एण्ड पीएनडीटी राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि एनएफएचएस 2015-16 की तुलना में एनएफएचएस 2019-20 की रिपोर्ट में प्रदेश में 29 पाइंट की लिंगानुपात में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2014-15 में प्रदेश का लिंगानुपात 927 था जो बढ़कर वर्ष 2019-20 में 956 हो गया। प्रदेश के दतिया, सतना, ग्वालियर, रायसेन, सीधी, बुरहानपुर, सीहोर, गुना, देवास, सिंगरौली, पन्ना, हरदा और बड़वानी में निम्न लिंगानुपात है। इन जिलों में लिंगानुपात बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
भ्रूण हत्या जैसे कृत्यों पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए पीसी एण्ड पीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों का कढ़ाई से पालन कराया जाये। मुखबिर पुरस्कार योजना (Ladli Laxmi Yojana) में बढ़ाई गई राशि की जानकारी नागरिकों को दी जाये।
सभी जिलों में जन्म के समय लिंगानुपात के बेहतरीकरण पर चर्चा के लिए जिलास्तर पर अंतर विभागीय बैठकें आयोजित की जाये। जन्म के समय शिशु लिंगानुपाल में सुधार दर्ज करने वाले खंडवा, भोपाल, सिवनी, टीकमगढ़ और मंदसौर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सराहना की गई।
मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि लैंगिक असमानता के दुष्प्रभाव और लिंग चयन आधारित गर्भपात के नियंत्रण के लिए जन जागरूकता बढ़ाने में सभी हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर, आंगनवाड़ी केन्द्र, निजी मेटरनिटि होम और एमटीपी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत केन्द्रों पर जानकारी देने वाले पोस्टर लगवाये जाये।
पोस्टर में जानकारी दी जाएं कि भ्रूण लिंग की जाँच करना और करवाना दंडनीय अपराध है। इस अपराध में 5 वर्ष की सजा और एक लाख के जुर्माना का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि लिंग चयन संबंधी सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखते हुए 2 लाख रूपये का पुरस्कार देने की जानकारी भी दी जाएं।
बैठक में पीसी एण्ड पीएनडीटी राज्य सुपरवाइजरी बोर्ड सदस्य विधायक राजश्री सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, एमडी एनएचएम प्रिंयका दास और अन्य सदस्य तथा अधिकारी उपस्थित थे।