
▪️ राकेश अग्रवाल, मुलताई
बैतूल जिले के मुलताई में भारी भरकम लागत से बनी हरदौली योजना सफेद हाथी ही साबित हो रही है। मुलताई में रोजाना लगभग 22 से 25 लाख लीटर पानी की खपत होती है, लेकिन हरदौली से रोजाना 7 लाख लीटर ही पानी आ पा रहा है। करोड़ रुपए की लागत से बनी योजना के बाद भी नगर वासियों को फिल्टर पानी पीने को नहीं मिल रहा है।
बताया जा रहा है कि ग्रामीण फीडर से पानी मुलताई तक पहुंचाया जा रहा है। जबकि दावें यह किए गए थे कि पूरे शहर में हरदौली का पानी आएगा और 24 घंटे पानी दिया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी हरदौली से केवल 7 लाख लीटर ही पानी बुलाया जा रहा है। वहीं सांडिया सहित अन्य जगह से पानी लाकर मुलताई में पानी की पूर्ति की जा रही है। यदि हरदौली से लगातार पानी नहीं आएगा तो गर्मी में पानी की समस्या खड़ी हो सकती है। वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान भी हरदौली से लगातार पानी नहीं आ रहा है।

मुलताई के विधानसभा चुनाव में हरदौली जलावर्धन योजना (Hardoli Water Conservation Scheme) भी बड़ा मुद्दा है। दोनों ही पार्टियां दावें कर रही है कि हरदौली जलावर्धन योजना उनकी देन है। लेकिन वास्तविकता में योजना पूरी हो जाने के बाद भी 24 घंटे हरदौली से पानी नहीं मिल पा रहा है।
वर्तमान में रोजाना केवल 7 लाख लीटर पानी ही मुलताई तक पहुंच रहा है। इसमें भी कई बार पाइपलाइन फूट जाती है तो हरदौली से पानी आना बंद हो जाता है। वहीं हरदौली पर लगी डीपी पर ग्रामीण कनेक्शन होने के कारण पूरे समय बिजली भी नहीं मिल पाती है। इस कारण भी पानी 24 घण्टे मुलताई नहीं पहुंच पा रहा है। मुलताई में पानी की आपूर्ति करने के लिए अभी भी सांडिया से पानी बुलाया जा रहा है।