Future of gold: इन दिनों सोना और चांदी के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहे हैं। अक्षय तृतीया के करीब आते ही इसमें और तेजी का रूख अख्तियार कर लिया है। ऐसे में लोग यह सोचकर परेशान हैं कि आखिर सोना और चांदी के दाम किस ऊंचाई पर जाकर थमेंगे। इस बीच सोने के खनन कार्य में लगी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ने ऐसा दावा किया है जो लोगों को हैरत में डाल रहा है।
दरअसल, सोने के कारोबार में लगी विश्व की सबसे बड़ी और मशहूर कंपनी सॉलिडकोर रिसोर्सेज पीएलसी ने दावा किया है कि अमेरिका के साथ ट्रेड टेंशन घटता है तो अगले 12 महीनों में सोने की कीमत में भारी गिरावट आएगी। कंपनी के अनुसार सोने के अंतरराष्ट्रीय भाव 2500 डॉलर प्रति औंस पर आ सकते हैं। इसकी अभी कीमत 3300 डॉलर से अधिक हैं। (Future of gold)
भारत में फिर क्या होंगे दाम (Future of gold)
यदि कंपनी का यह दावा सच होता है तो फिर भारत में भी लोगों की बल्ले-बल्ले हो जाएगी। अंतरराष्ट्रीय भाव में कमी होने पर भारत में सोना अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से टूटकर मात्र 70 हजार रुपये तक पहुंच सकता है। इसका सीधा-सीधा मतलब है कि सोना भारत में 27 हजार रुपये तक सस्ता हो जाएगा। जिससे यह हर किसी की पहुंच में आ जाएगा। (Future of gold)
टेंशन कम नहीं हुआ तो फिर (Future of gold)
वहीं दूसरी ओर यदि ट्रेड टेंशन कम नहीं होता है तो फिर इसका उलटा असर होगा। विशेषज्ञों के अनुसार यदि दुनिया भर में ट्रेड टेंशन और बढ़ता है तो फिर सोने का भाव एक साल के भीतर ही सवा लाख का स्तर भी पार कर सकता है। यदि ऐसा होता है तो शादियों के लिए भी सोना खरीदने की स्थिति अधिकांश लोगों की नहीं रह पाएगी। (Future of gold)
इन कारणों से आ रहा उतार-चढ़ाव (Future of gold)
अभी सोने की कीमत कभी अचानक बढ़ जा रही है तो कभी अचानक गिर जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते ट्रेड टेंशन के कारण हो रहा है। इसके अलावा भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों के कारण भी ऐसा हो रहा है। (Future of gold)
गोल्ड ईटीएफ की ओर बढ़ा रूझान (Future of gold)
बताया जाता है कि सोने की बढ़ती कीमतों के कारण ही निवेशक अब गोल्ड ईटीएफ की ओर रूझान कर रहे हैं। फरवरी 2025 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश सालाना आधार पर 98.54 प्रतिशत बढ़कर 1979.84 करोड़ रुपये हो गया है। एक साल पहले इसी महीने में यह मात्र 997.21 करोड़ रुपये था। (Future of gold)
आगे के लिए यह रास्ता है बेहतर (Future of gold)
एचडीएफसी के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता कहते हैं कि सोने की कीमतों में आगे उतार-चढ़ाव आने के आसार हैं। ऐसी स्थिति में निवेशकों को अपने जोखिम के अनुसार निवेश योजना बनानी चाहिए।
उन्हें छोटी अवधि के बजाय लॉन्ग टर्म के लिए निवेश योजना बनानी चाहिए। उनके पास गोल्ड ईटीएफ और डिजिटल गोल्ड के विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें छोटी राशि से भी निवेश किया जा सकता है। (Future of gold)