Diamonds in MP: मध्यप्रदेश का पन्ना जिला तो हीरों के लिए प्रसिद्ध है ही, लेकिन प्रदेश का एक और जिला भी है जहां हीरों का अंबार लगा है। इस जिले में जमीन के नीचे 6000 किलोग्राम हीरों का भंडार है। यदि यह पूरे हीरे निकाल लिए जाए तो प्रदेश मालामाल हो जाएगा। वैसे यहां से हीरा निकालने की शुरूआत भी हुई थी, लेकिन कई सालों से यह बंद है।
प्रदेश की तकदीर बदल सकने वाला हीरों का यह भंडार प्रदेश के छतरपुर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर बक्सवाहा के जंगल में है। यहां पर वर्ष 2000 से 2005 के बीच में आस्ट्रेलिया की एक कंपनी रियोटिंटो ने सर्वे किया था। इस सर्वे के दौरान टीम को किंबरलाइट पत्थरों की बड़ी-बड़ी चट्टानें नजर आई। इसी चट्टान में हीरा पाया जाता है। यह चट्टानें मिलने पर टीम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

इतनी कीमत का था उस समय हीरा (Diamonds in MP)
सर्वे करने वाली कंपनी का दावा था कि बक्सवाहा के इस जंगल में जमीन के नीचे 350 कैरेट यानी लगभग 6000 किलोग्राम से ज्यादा हीरे हैं। उस समय इसकी कीमत 55 हजार करोड़ रुपये तक आंकी गई थी। हालांकि आस्ट्रेलिया की यह कंपनी वर्ष 2017 में इस प्रोजेक्ट से बाहर हो गई।

आदित्य बिड़ला ग्रुप को मिला ठेका (Diamonds in MP)
इसके बाद बक्सवाहा की इस हीरा खदान को 2019 में नीलाम किया गया। यह ठेका आदित्य बिड़ला ग्रुप की एसेल माइनिंग कंपनी को मिला। कंपनी ने 50 साल की लीज पर इसे लिया था। कंपनी को लगभग 364 हेक्टेयर जमीन मिली थी। हालांकि जंगल में 62.64 हेक्टेयर क्षेत्र हीरे निकालने के लिए चिन्हित था और कंपनी ने खनन और प्रोसेस के दौरान निकलने वाला मलबा डंप करने के लिए 382.131 हेक्टेयर जमीन मांगी थी।

खुदाई से पहले ही शुरू हुआ विरोध (Diamonds in MP)
कंपनी को ठेका तो मिल गया, लेकिन वह खुदाई शुरू कर पाती, उससे पहले ही पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था। मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा और इसी बीच हाईकोर्ट ने यहां से हीरा खनन पर रोक लगा दी। उसके बाद यहां से हीरों का खनन शुरू ही नहीं हो पाया। (Diamonds in MP)
अफवाहों ने भी फेरा अरमानों पर पानी (Diamonds in MP)
बताया जाता है कि जिस समय 364 हेक्टेयर क्षेत्र पर लीज दी गई तो यह अफवाहें उड़ गईं कि पूरे क्षेत्र में खुदाई होगी और लाखों पेड़ कटेंगे। हालांकि ऐसा नहीं था बल्कि आधुनिक तकनीक से खुदाई होना था। यहां ज्यादा से ज्यादा फुटबाल ग्राउंड के बराबर जमीन पर ही खुदाई होती। इससे ज्यादा न तो पेड़ कटते और न वन्य जीवों को नुकसान होता। वहीं जितने पेड़ कटते, उसके 10 गुने पौधे भी लगवाए जाते और देखरेख भी की जाती। (Diamonds in MP)
तो होती एशिया की सबसे बड़ी खदान (Diamonds in MP)
बक्सवाहा की इस हीरा खदान से भले ही फिलहाल हीरा नहीं निकाला जा रहा है, लेकिन यह खदान यदि चालू होती तो निश्चित रूप से आज एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान होती। उस समय ही हीरे निकलने का वेल्यूएशन करीब 55 हजार करोड़ रुपये था, जो कि वर्तमान में 60 से 70 हजार करोड़ है। भविष्य में भी यदि यह खदान शुरू होती है तो प्रदेश को मालामाल करने की क्षमता रखती है। (Diamonds in MP)
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