Betul News : नाबालिग से बार-बार दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास, जुर्माना भी लगाया

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Betul News : नाबालिग से बार-बार दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास, जुर्माना भी लगाया
Source – Social Media

Betul News : नाबालिग के साथ बार बार दुष्कर्म करने वाले आरोपी को न्यायाधीश, अनन्य विशेष न्यायालय, (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल (म.प्र.) ने दोषी पाते हुए, धारा 3(2)(अ) एससी/एसटी एक्ट में आजीवन कारावास व 2,000 रुपए के जुर्माना तथा धारा 376(2)(एन) भादवि व धारा 5(एल)/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया। प्रकरण में म.प्र. शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी एस.पी.वर्मा, वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी/अनन्य विशेष लोक अभियोजक ओमप्रकाश सूर्यवंशी द्वारा पैरवी की गई।

घटना का विवरण इस प्रकार हैं कि पीड़िता ने पुलिस थाना मुलताई में मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी मां 4-5 साल से हनुमान मंदिर में रहकर पेट दर्द का इलाज करा रही है, उसकी आंख में दिक्कत होने से इलाज के लिए वह भी 2 वर्ष से मंदिर आना जाना करती हैं। उसकी जान-पहचान की एक लड़की के घर उसका आना-जाना है, वहां आरोपी राजेश पिता रामा करोले, उम्र-32 वर्ष, निवासी-थाना मुलताई आता-जाता रहता था, जिससे उसकी पहचान हो गई थी। राजेश उससे कहता था कि वह उसे पसंद करता है, शादी करना चाहता है।

लॉज में किया गलत काम

वर्ष 2017 जून महीने में राजेश करोले ने उसे घुमाने का कहकर मुलताई लेकर आया था। मुलताई में उसे बस स्टेण्ड के पास देशमुख लॉज में रखा और रात में राजेश ने उसके साथ गलत काम करने का बोला तो पीड़िता ने मना कर दिया। फिर राजेश कहने लगा कि हम जल्द ही शादी कर लेंगे, क्यों डरती हो। वह शादी करने की बात को लेकर उसके भरोसे में आ गई।

उस रात राजेश ने उसके साथ 2-3 बार गलत काम (बलात्कार) किया। तभी से राजेश करोले लगातार पीड़िता को शादी का झांसा देकर उसके साथ गलत काम (बलात्कार) करता रहा है। पीड़िता की उक्त शिकायत पर आरोपी राजेश के विरूद्ध अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। नक्षा-मौका बनाया गया तथा न्यायालय के समक्ष धारा 164 द.प्र.सं. के कथन कराए गए।

आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल म.प्र. के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया।

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