पुल के अभाव में कार्तिक मेले में आए कई श्रद्धालु फिसल कर गिरने से होते हुए घायल
⊗ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़ (बैतूल)
Baraling Mela 2024 : मध्यप्रदेश के बैतूल में पुण्य सलिला मां ताप्ती नदी के किनारे प्रसिद्ध शिवधाम बारालिंग है। यहां हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर 3 दिवसीय मेला लगता है। यह बात अलग है कि यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ मुहैया नहीं है। यहां तक कि मंदिर तक जाने के लिए पुल तक नहीं है। यही कारण है कि यहां मेले में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को हर साल परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है।
प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी पावन शिवधाम बारालिंग में आगामी 15 नवंबर दिन शुक्रवार तक तीन दिन का मेला आयोजित किया जा रहा है। यह मेला विगत कई वर्षों से लग रहा है। मेले में व्यस्था की जिम्मेदारी जनपद पंचायत भैंसदेही की ग्राम पंचायत केरपानी के द्वारा की जाती है।
पत्थर डाल कर बनाया अस्थाई पुल
हर साल की तरह इस वर्ष भी ग्राम पंचायत ने नदी के दूसरे तट पर आने-जाने के लिए नदी में पत्थर डाल कर अस्थाई पुल बनाया है। हजारों की संख्या में तीर्थ यात्री इस मेले में आते हैं। उन्हें नदी पार करके दूसरी स्थित तट पर जाना जरूरी रहता है। वह इसलिए कि मंदिर उसी किनारे पर स्थित है।
दर्शन के बगैर नहीं मिलता फल
मान्यता है कि बारह शिवलिंग के दर्शन के बिना इस मेले के तीर्थ का फल नहीं मिलता है। प्राचीन शिव मंदिर में फलेश्वर महादेव जी विराजित हैं। यही कारण है कि तमाम असुविधा के बावजूद भी श्रद्धालु नदी पार करके नदी के उस ओर जाते हैं और महादेव जी के दर्शन करते हैं।
यहां देखें परेशान होते श्रद्धालुओं का वीडियो…⇓
लगातार उपेक्षा का शिकार बारालिंग
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल होने के बावजूद यह स्थान लगातार प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होता रहा है। यहां तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के माकूल प्रबंध नहीं होते। इससे मेले में आाए श्रद्धालु परेशान होकर और बेहद बुरा अनुभव लेकर हर साल लौटते हैं।
Read Also : Cold Alert MP : मप्र में ठंड बढ़ी, पचमढ़ी-मंडला में तापमान में खासी गिरावट, यहां बारिश का अलर्ट
पत्थरों के पुल पर फिसलते लोग
अब पुल की बात करे तो नदी में पुल की शक्ल देने जो पत्थर उपयोग में लिए जाते हैं वे ताप्ती नदी के ही होते हैं। यह पत्थर गोल-मटोल होते हैं और साथ ही उन पर काई भी जमी होती है। इसके चलते इन पत्थरों से गुजरते समय कई लोग फिसल कर गिर जाते हैं। क्षेत्र के लोगों और श्रद्धालुओं का कहना है कि यहां स्थाई पुल बनाना चाहिए।
Read Also : MP Uparjan News 2024 : धान, ज्वार और बाजरा उपार्जन के लिए ऐसे होगा मात्रा का निर्धारण, गाइड लाइन जारी
हर साल होती इतनी राशि खर्च
सरपंच संतराम बारस्कर का कहना है कि प्रति वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर ताप्ती नदी बारालिंग पर नदी में रास्ता बनाया जाता है। जिसमें लगभग बीस से पच्चीस हजार खर्च होते हैं। अगर नदी पर सरकार पक्का पुल बना दें तो सिहार, बारामहू, बोथी आदि तीन गांव की तीन हजार आबादी को भी श्रद्धालुओं के साथ इसका लाभ मिलेगा।
पूर्व सरपंच भी कर चुके हैं मांग
बताया जाता है कि पूर्व सरपंच सुखिया धुर्वे ने भी प्रशासन को इस बारे में पत्र लिखे हैं। यह उनके संज्ञान में है। बावजूद इसके पक्का पुल निर्माण नहीं हो रहा है। इसके चलते यहां क्षेत्रवासियों के साथ ही मेले में आए श्रद्धालुओं को भी परेशान होना पड़ता है।
देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com