Ayodhya Deepotsav : दीपोत्सव से राम मय होगी अयोध्या, चार देश और 24 प्रदेश की होगी रामलीला, 21 लाख दीप होंगे प्रज्वलित
Ayodhya DeepotsavAyodhya Deepotsav: Ayodhya will be filled with Ram during Deepotsav, Ramlila will be held in four countries and 24 states, 21 lakh lamps will be lit.
▪️लोकेश वर्मा, मलकापुर
Ayodhya Deepotsav: (बैतूल)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम जोरों से चल रहा है। 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था। अब दीपावली पर 24 लाख दीपों से हर की पौड़ी जगमग होगी। यहां 25 हजार वॉलंटियर्स मिलकर फिर नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएंगे।
दिवाली और अयोध्या दोनों का पुराना रिश्ता है। इसी दिन लोगों के आराध्य श्रीराम लंका पर विजय प्राप्त करने और 14 वर्षों का वनवास खत्म करने के बाद वापस अयोध्या लौटे थे। यही कारण है कि आज भी अयोध्या की दिवाली को बेहद खास माना जाता है। यूपी सरकार भी हर साल अयोध्या में भव्य तरीके से दीपोत्सव का आयोजन करवाती है। इस साल भी अयोध्या में दीपोत्सव मनाने और एक नया रिकॉर्ड कायम करने की तैयारी की जा रही है।
इतने लाख दिए जलेंगे (Ayodhya Deepotsav)
अयोध्या नगरी में 11 नवंबर को भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। सरकार यहां हर साल नए रिकॉर्ड बनाने की कोशिश करती हैं। इस बार यहां 21 लाख से ज्यादा दीये जलाएंगे और जो अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले साल 2020 में 5,51,000, साल 2021 में 7,50,000, साल 2022 में 15,76,000 दीपक एक साथ जलाकर रिकॉर्ड कायम किया जा चुका है।
सीएम योगी ने किए श्री रामलला के दर्शन व मंदिर निर्माण कार्य का अवलोकन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गत दिनों नवरात्रि में अयोध्या पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर रामकथा पार्क में उनका स्वागत किया गया। वहां से मुख्यमंत्री सीधे हनुमानगढ़ी मंदिर गए और उन्होंने संकट मोचन हनुमान के चरणों में शीश झुकाया। फिर वह सीधे रामलला के दर्शन करने पहुंचे। वहां भी उन्होंने ने मर्यादा पुरुषोत्तम की पूजा-अर्चना की।
शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर अयोध्या पहुंचे मुख्यमंत्री ने शाम को श्री राम जन्मभूमि परिसर का अवलोकन किया। यहां उन्होंने श्रमिकों का हालचाल जाना और इसके बाद वह जन्मभूमि के कार्यों की प्रगति से रूबरू हुए। इस दौरान ट्रस्ट के पदाधिकारी आदि मौजूद रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम नगरी में प्रवास के दूसरे दिन भी अयोध्या के प्रति आत्मीयता ज्ञापित की। सरयू तट स्थित सरयू अतिथि गृह में रात्रि विश्राम के बाद उन्होंने 22 अक्टूबर रविवार का आरंभ राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं रामनगरी के शीर्ष महंत नृत्यगोपाल दास से भेंट करने के साथ किया।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय की राम भक्तों से अपील
▪️माता, बहनों एवं भाइयों,
आगामी पौष शुक्ल द्वादशी, विक्रम संवत् 2080, सोमवार (दिनांक 22 जनवरी, 2024) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर . बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी।
इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। आप भी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन (पूर्वाह्न 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे के मध्य ) अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस- पड़ोस के राम भक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (LED स्क्रीन) लगाकर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।
कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन- आरती पूजा तथा “श्रीराम जय राम जय जय राम ” इस विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, सम्पूर्ण भारत का वातावरण सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये।
आपसे निवेदन है कि प्राण प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त प्रभु श्रीरामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्याजी में परिवार सहित पधारें। श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें।
– निवेदक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
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ऐसा है श्रीराम का भव्य मंदिर (Ayodhya Deepotsav)
- मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित।
- मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट।
- तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे, 44 दरवाजे।
- भूतल गर्भगृह प्रभु श्रीराम के बाल रूप ( श्री रामलला ) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह श्रीराम दरबार।
- कुल पांच मंडप नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप ( सभा मंडप ) प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप।
- खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ।
- प्रवेश पूर्व से 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
- दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था।
- चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार)- लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर।
- मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप।
- परकोटा के बाहर दक्षिणी दिशा में प्रस्तावित मन्दिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज माता शबरी एवं देवी ” अहिल्या।
- दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना।
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