
Air Force Officer Visit Nagaland : (नई दिल्ली)। बांग्लादेश वायु सेना 28 सितंबर 1971 को नागालैंड के दीमापुर में एक चेतक, एक सशस्त्र ओटर और एक डकोटा, 09 अधिकारियों और 57 कर्मियों के साथ अस्तित्व में आई थी। इसी दिन भारतीय वायु सेना ने उसके तीन पायलटों, स्क्वाड्रन लीडर सुल्तान अहमद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बदरुल आलम, जो पाकिस्तान वायु सेना से अलग हो गए थे और एक नागरिक पायलट, कैप्टन शहाबुद्दीन अहमद को दीमापुर में ‘किलो फ्लाइट’ में प्रशिक्षण देना शुरू किया था। (Air Force Officer Visit Nagaland)
यही बांग्लादेश की पहली वायु सेना इकाई बनी। 16 दिसंबर 1971 के बाद, बांग्लादेश के जन्म के साथ ही भारत ने गोलियों से छलनी, लेकिन उड़ान भरने में सक्षम ‘किलो फ़्लाइट’ विमान ढाका में बांग्लादेश को सौंप दिए थे।
बांग्लादेश बलों के कर्मियों के बीच मुक्ति युद्ध की भावना को जीवित रखने के लिए ग्रुप कैप्टन तनवीर मार्ज़न के नेतृत्व में बांग्लादेश वायु सेना के 20 अधिकारियों और कर्मियों ने, बांग्लादेश वायु सेना के स्थापना दिवस समारोह के अंग रूप में 31 अक्टूबर, 2023 को दीमापुर का दौरा किया। ‘किलो फ्लाइट’ से ऐतिहासिक संबंध रखने वाली डोर्नियर और एमआई 17-वी5 स्क्वाड्रन के अधिकारियों और कर्मियों ने बीएएफ के कर्मियों के साथ बातचीत की।
बांग्लादेश वायु सेना (Air Force Officer Visit Nagaland) ने हमेशा उन महत्वपूर्ण स्थानों का दौरा करने में गहरी रुचि दिखाई है जो 1971 के मुक्ति युद्ध के दौरान काफी प्रासंगिक रहें। यह यात्रा दोनों देशों की वायु सेनाओं के बीच गहरे संबंधों और सद्भाव को दर्शाती है और बांग्लादेश की मुक्ति में भारतीय वायुसेना की भूमिका को मान्यता देती है। (Air Force Officer Visit Nagaland)
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