
UPSC Topper Story: शिक्षा के स्तर पर मेहनती लोगों के बारे में सुनना और पढ़ना सभी को बहुत ज्यादा पसंद होता है। खासतौर पर यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने वाले उम्मीदवारों की कहानी। सफलता के लिए सबसे पहले जरूरी होता है कि हम कभी भी प्रयास करना ना छोड़े। यह बात को आप 2020 में आईएएस बनीं परी विश्नोई से भी सीख सकते हैं। हम सभी जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास करना कोई आसान बात नहीं है लेकिन अगर दृढ़ निश्चय हो तो कठिन से कठिन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आईएएस परी विश्नोई ने इस बात को सच साबित करके दिखाया है। आइए जानते है किस तरह परी बिश्नोई ने मेहनत और लगन से यूपीएएसी की तैयारी कर सफलता प्राप्त की है।
परी बिश्नोई का परिचय (UPSC Topper Story)
राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली परी बिश्नोई का जन्म 26 फरवरी 1996 को हुआ था। उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील है। वहीं, उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर जिले में GRP थानाधिकारी है। यही वजह है कि उन्हें घर में बचपन से पढ़ाई का माहौल मिला। हालांकि उनका IAS बनने का सफर इतना आसान नहीं था।

IAS Pari Bishnoi की शिक्षा (UPSC Topper Story)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IAS Pari Bishnoi अपने समाज की पहली महिला आईएएस ऑफिसर हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से हुई। उन्होंने 12वीं क्लास में ही ठान लिया था कि वह एक IAS अधिकारी बनेंगी। इसी के चलते 12वीं क्लास पास करके परी राजधानी दिल्ली आ गई थी। यहां डीयू से ग्रेजुएशन की और UPSC की तैयारी में लग गई।
IAS परी बिश्नोई ने अजमेर के MDS University से पॉलिटेक्निक साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने यूपीएससी एग्जाम के तीन बार पेपर दिए। इसी बीच परी ने नेट-जेआरएफ परीक्षा पास कर ली थी।
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ग्रेजुएशन के बाद शुरू की युपीएससी की तैयारी (UPSC Topper Story)
परी ने 12 वीं की परीक्षा पास करने के बाद आईएएस बनने का सपना देख लिया। जिसके लिए उन्होंने ग्रेजुएशन के तुरंत बाद ही अपनी तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई भी जारी रखी और मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की। परी बताती है कि करंट अफेयर्स के साथ साथ वह अपने नोट्स भी बनाती थी। उनके मुताबिक आईएएस बनने के लिए हर दिन थोड़ा पढ़ना जरूरी है, जिससे रिवीजन के लिए काफी समय मिलता है। इसके अलावा परी के अनुसार हर छात्र को अपनी आंसर राइटिंग का भी अभ्यास करते रहना चाहिए।

परी बिश्नोई ने यूपीएससी परीक्षा के तीन अटेंप्ट दिए थे। इस बीच उन्होंने नेट-जेआरएफ परीक्षा (NET JRF Exam) क्लियर कर ली थी। लेकिन उन्हें सिविल सर्विस में ही भविष्य बनाना था और इसीलिए वह देश की सबसे कठिन परीक्षा की तैयारी करने में जुटी रहीं। आखिरकार साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा के तीसरे अटेंप्ट में 30वीं रैंक (IAS Pari Bishnoi Rank) के साथ वह सफल हो गई थीं। एक इंटरव्यू में परी बताती हैं कि उन्होंने UPSC की तैयारी के लिए सोशल मीडिया से दूरी बना ली थी। उस दौरान वो मोबाइल भी इस्तेमाल नहीं करती थीं। वो पूरी तरह एक साध्वी का जीवन व्यतीत करती थीं। उनकी कहानी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है।
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