Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 01 अक्टूबर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –
DAP, NPK Big Update: अब देश में नहीं होगी डीएपी और एनपीके की किल्लत, भरपूर आपूर्ति के लिए सरकार ने की यह शानदार पहल
DAP, NPK Big Update: फसलों के लिए खाद (Fertilizer) उतनी ही जरूरी है, जितनी हम इंसानों के लिए भोजन। जिस तरह भोजन के बिना कोई भी व्यक्ति या पशु जीवित नहीं रह सकता, उसी तरह बिना खाद (Fertilizer) के फसलों के होने और उनसे उत्पादन मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती। अभी होता यह है कि जितनी खाद की जरूरत देश में है, उतनी आपूर्ति नहीं हो पाती है। इसके चलते कहीं खाद की कालाबाजारी (black marketing of fertilizer) होती है तो कहीं एक-एक बोरी खाद के लिए किसानों को दिन भर कतार में खड़े रहकर इंतजार करना होता है। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा।
भारत सरकार ने देश में खाद की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने एक शानदार पहल की है। दरअसल, खाद की किल्लत (shortage of fertilizer) इसलिए होती थी, क्योंकि इसे बनाने के लिए जो कच्चा माल लगता था, वह देश में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं था। अब इसके लिए भारत सरकार ने दुबई की एक कंपनी से इसकी आपूर्ति के लिए करार कर लिया है। इससे अब देश में जितनी डीएपी और एनपीके (DAP and NPK) की आवश्यकता है, उतनी आसानी से बनाकर उसकी पूर्ति की जा सकेगी।
इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि ‘‘भारतीय किसानों को उर्वरकों की दीर्घ अवधि आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के साथ भारत की साझेदारियां कुछ वैश्विक कंपनियों द्वारा किए जा रहे कार्टेलाइजेशन की समस्या का भी समाधान करेंगी।’’ श्री मांडविया को आज दुबई के मैसर्स एग्रीफील्ड्स (M/s Agrifields) के साथ मद्रास फर्टिलाइजर लिमिटेड (Madras Fertilizer Limited) का समझौता ज्ञापन (एमओयू) प्रस्तुत किया गया।
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गौरतलब है कि देश के कृषक समुदाय के लिए डीएपी और एनपीके उर्वरकों (DAP and NPK fertilizers) की उपलब्धता में सुधार लाने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के रूप में, मद्रास फर्टिलाइजर लिमिटेड ने तीन वर्षों के लिए सालाना फॉस्फोरिक एसिड सॉल्यूशन (phosphoric acid solution) का 30,000 एमटी प्राप्त करने के लिए दुबई के मैसर्स एग्रीफील्ड्स के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। फॉस्फोरिक एसिड की इस मात्रा का उपयोग करने के जरिये लगभग 1.67 एलएमटी एनपीके का उत्पादन किया जाएगा। यह एमएफएल के जटिल उर्वरकों की कुल संस्थापित क्षमता (2.8 एलएमटी) के 59.6 प्रतिशत को उत्पादित करने की पी205 आवश्यकता की पूर्ति करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने रेखांकित किया कि ‘‘उर्वरकों, विशेष रूप से डीएपी तथा एनपीके (DAP and NPK fertilizers) की आपूर्ति में व्याप्त अनिश्चितताओं की पृष्ठिभूमि में किया जाने वाला यह एमओयू कार्टेलाइजेशन के माध्यम से मैनेज करने वाली कुछ वैश्विक कंपनियों के बजाये अर्थव्यवस्थाओं में निष्पक्ष व्यवसाय करने में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। जैसाकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में फॉस्फेटिक उर्वरकों में गिरावट का रुझान देखा जा रहा है, वैसी ही प्रवृत्ति आने वाली तिमाहियों के दौरान फॉस्फोरिक एसिड जैसे उर्वरकों के कच्चे मालों में देखी जानी चाहिए।’’
डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि, ‘‘फॉस्फोरिक एसिड डीएपी एवं अन्य जटिल एनपीके उर्वरकों (Phosphoric acid DAP and other complex NPK fertilizers) के विनिर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। कच्चे माल तथा उर्वरक अवयवों के आयात पर भारत की उच्च निर्भरता को देखते हुए, भारत सरकार भारतीय किसानों को पी एण्ड के उर्वरकों की दीर्घ अवधि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक उत्पादकों एवं आपूर्तिकर्ताओं के साथ ऐसी आपूर्ति साझेदारियां करती रही हैं। ‘‘उन्होंने जोर देकर कहा कि इस प्रकार के समझौता ज्ञापनों का महत्व आगामी फसली सीजन से पहले और बढ़ गया है क्योंकि यह न केवल देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में योगदान देगा बल्कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने में भी सहायता करेगा।’’