
Sagar Ratna Jayaram Banan Success Story : अक्सर इंसान पैसे से नहीं बल्कि सोच और मेहतन से कामयाब होता है। अगर कोई चाह ले कि अमीर बनना है, तो बड़ा काम करना हो तो ये नहीं देखना चाहिए कि हम किस पद पर हैं या किस तरीके से काम करें। लक्ष्य की पूर्ति के लिए छोटे बनकर भी बड़े कार्य किए जा सकते हैं। मां लक्ष्मी भी उनपर मेहरबान होती है जो मेहनती, अनुशासित, और समर्पित होता है। धनवान बनना है तो इन चीजों को गांठ बांध लें। ऐसे ही एक शख्स की कहानी है। इस शख्स ने अपनी किस्मत का रोना नहीं रोया, बल्कि मेहनत की। कम पैसो वाला काम किया लेकिन सपने बड़े देखे। कहां तो वह कभी सैलरी में 18 रुपये पाता था और आज 300 करोड़ का बिजनस चलाता है। हम बात कर रहे हैं सागर रत्ना (Sagar Ratna) रेस्टोरेंट्स के मालिक जराम बानन (Jayaram Banan) की। आइए जानते है सफलता की कहानी के बारे में….

13 साल की उम्र में छोड़ दिया घर (Success Story)
कर्नाटक के उडुपी में पैदा हुए जयराम बनान करीब 13 साल के रहे होंगे, जब उन्होंने घर छोड़ दिया था। घर छोड़ने का कारण था पापा की पिटाई का डर। बानन को अपने पापा से बहुत डर लगता था। स्कूलिंग के दौरान वे एक कक्षा में फेल हो गए थे। उन्हें यह डर सताने लगा कि पिताजी बहुत पिटाई करेंगे। इसी डर से उन्होंने 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया।
मुंबई जाकर झूठे बर्तन मांजे (Success Story)
घर छोड़कर बनान सीधे मुंबई पहुंच गए। यह 1967 का समय था। यहां उनका एक जानने वाला था, जो रेस्टोरेंट चलाता था। इसी रेस्टोरेंट में बानन काम करने लग गए। उम्र छोटी थी तो ज्यादा कुछ आता नहीं था। ऐसे में वे झूठे बर्तन धोते थे। इस काम के लिए उन्हें 18 रुपये महीने सैलरी मिलती थी। 6 साल तक उन्होंने बर्तन धोने का काम किया। इसके बाद बनान की लगन देखकर उन्हें पहले वेटर और बाद में रेस्टोरेंट का मैनेजर बना दिया गया। इसके साथ ही उनकी सैलरी 200 रुपये महीने हो गई थी।

पहला रेस्टोरेंट दिल्ली में खोला (Success Story)
बानन ने वर्षों तक उस रेस्टोरेंट में नौकरी की। फिर उन्होंने खुद का बिजनस शुरू करने का सोचा। वे दिल्ली में अपना खुद का रेस्टोरेंट खोलना चाहते थे। बानन 1947 में दिल्ली आ गए। यहां पहले उन्होंने गाजियाबाद में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड की कैंटीन चलाई। इसके बाद उन्होंने साउथ दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में अपना पहला रेस्टोरेंट खोला। इसका नाम सागर रखा गया। इस रेस्टोरेंट से पहले ही दिन उन्होंने 408 रुपये कमाए थे।
300 करोड़ का बिजनेस (Success Story)
बानन ने रेस्टोरेंट में मन लगाकर काम किया। क्वालिटी पर विशेष ध्यान किया। जब यह अच्छा चल निकला तो 4 साल बाद दिल्ली में ही एक और रेस्टोरेंट खोला गया। इस रेस्टोरेंट का नाम सागर रत्ना रखा गया। जयराम बनान को लोग डोसा किंग के नाम से भी बुलाया जाता है। समय के साथ सागर रत्ना बड़ा ब्रांड बनता चला गया। आज न सिर्फ भारत में, बल्कि सिंगापुर, कनाडा और बैंकॉक में भी सागर रत्ना के आउटलेट्स हैं। आज बनान 300 करोड़ रुपये से अधिक का बिजनस चलाते हैं। दुनिया भर में उनके करीब 100 रेस्टोरेंट्स हैं।
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