Success Story: सफलता हर कोई चाहता है लेकिन सफल होना इतना आसान होता नहीं जितना हम सोचते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारी मेहनत और सही विचार होते हैं। क्योंकि सकारात्मक सोच और बुलंद हौसले ही इंसान को कामयाबी की ओर ले जाती है। आज एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी बस में और घर-घर जाकर पेन बेचा करते थे, लेकिन आज वे हजारों करोड़ की कंपनी के मालिक बन चुके हैं। आज उन्हें दुनिया इनवर्टर मैन ( Inverter man of India) के नाम से जानती है। हम बात कर रहे हैं Su-Kam कंपनी के फाउंडर कुंवर सचदेव (Success story of Kunwer Sachdeva) की, उनकी कंपनी के सोलर प्रोडक्ट्स की डिमांड केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी है। आइए जानते है पेन बेचने से लेकर मिनियन डॉलर कंपनी तक के सफर के बारे में….
कुंवर सचदेव का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के आगे कभी हार नहीं मानी। कुंवर बचपन में अपने बड़े भाई के साथ साइकिल पर गली-मोहल्लों में पेन बेचते थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने भाई के साथ पेन बेचने का काम शुरु कर दिया। कुंवर सचदेव बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे। उनके पिता रेलवे में सेक्शन ऑफिसर थे और उस वक्त उनकी तनख्वाह ज्यादा नहीं थी कि वो तीन भाईयों की सही परवरिश कर पाएं।
सचदेव जब 5 वीं क्लास में थे तब उनके पिता ने उन्हें प्राइवेट स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में डाल दिया। 12वीं के बाद कुंवर ने मेडिकल का एंट्रेस एग्जाम दिया, पर अच्छे नंबर नहीं आने के कारण मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं मिला और उनका सपना अधूरा रह गया। कुंवर ने अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालने के लिए घर-घर जाकर पेन बेचे थे।
कुंवर ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद केबल कम्युनिकेशन कंपनी में मार्केटिंग विभाग में नौकरी की शुरुआत की थी। यही पर उन्हें लगा कि आने वाले समय में देश में केबल का बिजनस काफी मुनाफे वाला हो सकता है। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपने बिजनस की शुरुआत की। कुंवर सचदेव ने सु-काम कम्यूनिकेशन सिस्टम (‘Su-Kam Communication Systems’) नाम से अपना व्यसाय शुरू किया था।
नए काम के चलते कई लोगों ने उन्हें बेवकूफ भी बनाया। लेकिन कुंवर समय के साथ कुछ ना कुछ सीखते रहे। केबल टीवी का काम चल पड़ा था। कुंवर ने देखा कि अब हर घर को केबल कनेक्शन की जरूरत है। इसी के साथ कुंवर ने टीवी के उपकरण जैसे एंप्लीफायर और मॉड्यूलेटर्स बनाने शुरू किए। कुंवर ने उस दौरान देखा कि भारत में बिजली की समस्या बहुत ज्यादा है।
कुंवर सचदेव के घर में एक इनवर्टर था। वह बार-बार खराब हो जाता था। एक बार जब उन्होंने उसे खुद खोलकर देखा तो पता चला कि खराब क्वालिटी के सामान की वजह से ही ये समस्या आ रही थी। इसके बाद उन्होंने खुद ही इनवर्टर बनाने का सोचा और साल साल 1998 में सु-काम पॉवर सिस्टम नाम से कंपनी बनाकर इनवर्टर बनाने शुरू कर दिए। अब कुंवर सचदेव की कंपनी कई सोलर प्रोडक्ट बनाती है। जिनकी डिमांड केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। उन्होंने जो इन्वटर्स तैयार किए, वे ग्राहकों को पसंद आए।
एक घटना के बाद उन्होंने स्पेशल प्लास्टिक बॉडी के इन्वर्टर बनाना शुरू कर दिया। साथ ही सोलर एनर्जी सिस्टम भी तैयार किया। इसके बाद वह बिजनेस में लगातार आगे बढ़ते गए। आज उनका बिजेनस दुनिया के कई देशों में फैल गया है। उनका मानना है कि आइडिया को प्रभावी तरीके के साथ एग्जीक्यूट करना सबसे ज्यादा जरूरी है।
कुंवर सचदेव आज करीब 2300 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं। इस कंपनी में सोलर प्रोडक्ट भी बनते हैं जो दिन में 10 घंटे बिजली दे सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके प्रोडक्ट अब तक भारत के करीब एक लाख से ज्यादा घरों लगाए जा चुके हैं । Su-Kam के सोलर प्रोडक्ट की डिमांड आज भारत के साथ विदेशों में भी है।
कुंवर की इच्छा थी कि भारत में हर जगह ग्रीन एनर्जी बननी चाहिए। यूनिक सोलर DC सिस्टम के निर्माण में भी उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने बहुत छोटे हाउस रिमोट से लेकर बड़ी इंडस्ट्री के लिए भी सोलर उपकरणों की खोज की है। उनके इस योगदान की वजह से उन्हें The Solar Man of India के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
कुंवर सचदेव को भारत सरकार ने “भारत शिरोमणि” और एर्न्स्ट एंड यंग (“Ernst & Young ) का “साल के सर्वश्रेष्ट उद्योगपति” अवार्ड से सम्मानित भी किया है। कुंवर के कठिन परिश्रम का ही यह फल है कि सु-काम आज सबसे ज्यादा मार्किट शेयर करने वाली कंपनी है। कुंवर सचदेव की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत (Inspirational Story) है।