Positive Thinking Benefits : सकारात्मक विचार और अच्छे कर्म का भी है स्वस्थ जीवन से संबंध, केवल जिम और पौष्टिक आहार पर्याप्त नहीं

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Positive Thinking Benefits : सकारात्मक विचार और अच्छे कर्म का भी है स्वस्थ जीवन से संबंध, केवल जिम और पौष्टिक आहार पर्याप्त नहीं
Positive Thinking Benefits : सकारात्मक विचार और अच्छे कर्म का भी है स्वस्थ जीवन से संबंध, केवल जिम और पौष्टिक आहार पर्याप्त नहीं

Positive Thinking Benefits : बिजय जे. आनंद देश के सबसे सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय योग गुरुओं में से एक हैं। वह बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्ति है। वह एक सफल योग गुरु, अभिनेता और कला सलाहकार हैं।

दुनिया भर के उनके हजारों अनुयायियों के लिए वह एक मार्गदर्शक हैं। उनकी शिक्षाओं ने उनके अनुयायियों को सही और सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में मदद की है। वे एक स्वास्थ्य और अध्यात्म के विशेषज्ञ के रूप में पहचाने जाते हैं। उनकी बातों और सुझावों को काफी लोगों द्वारा हमेशा गंभीरता से लिया जाता है।

हम सभी यह मानते हैं कि जिम, योग, अनुशासित जीवनशैली और सही आहार स्वस्थ और सुखी जीवन की कुंजी हैं। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। शायद बहुत से लोग यह नहीं समझते कि अच्छे और सकारात्मक विचार और अच्छे कर्म का भी स्वस्थ जीवन से सीधा संबंध है। (Positive Thinking Benefits)

उसी के संबंध में, बिजय कहते हैं कि हम सभी स्वस्थ रहना चाहेंगे। हममें से कुछ कसरत करते हैं, कुछ योग करते हैं जबकि कुछ आउटडोर खेल खेलते हैं। बेशक, ऐसे लोगों का एक वर्ग भी है जो बिल्कुल कुछ नहीं करते हैं और इसका सीधा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है।

हालाँकि, जो लोग वास्तव में ऑर्गेनिक खाना कहते है और अपनी फिटनेस और वेलनेस के लिए सही चीजें करने का प्रयास कर रहे हैं, वे कभी-कभी खुद को त्वचा की समस्याओं, अर्थराइटिस, डायबिटीज और सभी प्रकार की बीमारियों के मामले में परेशानी में पाते हैं। (Positive Thinking Benefits)

उन्हें आश्चर्य होता है कि सब कुछ ठीक करने के बावजूद वे स्वस्थ क्यों नहीं हैं। तो, अधिकांश लोगों को यह एहसास नहीं है कि स्वास्थ्य भी आपके मन और आपके कर्मों का प्रत्यक्ष परिणाम है। सबसे पहले मन से, यदि मन में बहुत अधिक ‘तामस’ है, चाहे वह बहुत अधिक मांसाहार, शराब, धूम्रपान आदि के कारण हो, तो शरीर ज़हरीला हो जाता है। उस स्थिति में, चाहे आप कितना भी व्यायाम करें या सही काम करें, आप कभी भी वास्तव में स्वस्थ नहीं होंगे।

इसका कारण यह है कि आपके शरीर में इतना तामस और एसीड है कि यह आपके हर काम को अस्वीकार कर देगा। साथ ही, मन में ज़हरीले पदार्थ आपकी मानसिकता और विचारों से आते हैं। यदि आपके विचार आपके और दूसरों के लिए सकारात्मक नहीं हैं, आपमें कृतज्ञता आदि नहीं है, तो आपका शरीर स्वचालित रूप से उस पर प्रतिक्रिया करता है और विषाक्त और तामसिक बन जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि एक और महत्वपूर्ण पहलू कर्मों के इर्द-गिर्द बातचीत है। आप जो भी कार्य करते हैं वह सकारात्मक या नकारात्मक कर्म का उदाहरण है। अच्छे कर्मों से, आपको आशीर्वाद मिलता है, आप एक दिव्य कवच विकसित होता जो आपकी रक्षा करता है। यह आपका मार्गदर्शन करता है और एक सुंदर और सुखी जीवन के लिए आपकी आत्मा का पोषण करता है।

बुरे कर्मों के परिणामस्वरूप, आप जिन शापों और नकारात्मक तरंगों को आकर्षित करते हैं, वे आपको नष्ट कर देंगे, आपके चक्रों में असंतुलन पैदा करेंगे और आपके मन की शांति को बर्बाद कर देंगे।

आप यह विश्वास करना जारी रख सकते हैं कि स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के आपके प्रयास पर्याप्त हैं। यदि मन तामसिक है और आप जो सोचते हैं वह जहरीला हो जाएगा और आप कभी भी स्वस्थ नहीं हो सकते। और यही बात आती है अच्छे कर्मों के महत्व की। आपकी त्वचा चमक उठेगी और आपकी मुस्कुराहट हर जगह खुशियाँ फैला देगी।

खैर, बिजय के ऐसे प्रेरक शब्द निश्चित रूप से युवाओं को सही तरीके से प्रेरणा देने के लिए तैयार हैं और हर किसी को फिटनेस और अच्छे स्वास्थ्य के वास्तविक सार को समझने में मदद करेंगे।

काम के मोर्चे पर, बिजय की आगे दिलचस्प फिल्में आने वाली हैं और उनके नाम हैं सुल्तान ऑफ दिल्ली, टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार के साथ ‘बड़े मियां छोटे मियां’, विद्युत जामवाल के साथ ‘क्रैक’ इत्यादि।

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