ठेसका गांव में दो माह से नहीं बिजली, कैसे करेंगे गेहंू की बोवनी, किसानों में आक्रोश
♦ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
मतदान सभी का अधिकार है और सभी को इस अधिकार का उपयोग करना चाहिए। यह बात कही तो जाती है, लेकिन जिले में कई स्थान ऐसे हैं जहां इस अधिकार का उपयोग करने खासी मशक्कत करना होता है। इन्हीं गांवों में से एक है मध्यप्रदेश की बैतूल तहसील की ग्राम पंचायत सावंगा का सिहार बारामहू गांव। यहां के ग्रामीणों को मतदान करने 6 किलोमीटर दूर जाना होता है। जिसमें से करीब 3 किलोमीटर की पहाड़ी भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि आगामी 17 नवम्बर दिन शुक्रवार को बैतूल जिले की पांच विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है। सभी गांवों में मतदान केंद्र बनाकर प्रशासन चुनाव कराने मुस्तेद है। लेकिन, ग्राम पंचायत सावंगा के ताप्ती नदी किनारे पहाड़ियों से घिरे सिहार बारामहू गांव के ग्रामीणों को मतदान करने में खासी परेशानी का सामना करना होगा। इस गांव में लगभग 550 महिला एवं पुरुष मतदाता है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें मतदान करने बोथी गांव हमेशा जाना पड़ता है। बोथी जाने के लिए उन्हें तीन किलोमीटर पहाड़ीऔर तीन किलोमीटर सड़क मार्ग से जाना पड़ता है। जिससे कई लोग मतदान से वंचित रह जाते हैं। पूरी वोटिंग इन दोनों गांवों में आज तक नहीं हो पाई।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार कलेक्टर से गांव में ही मतदान केंद्र बनाने की मांग की। इसके बावजूद उन्हें मतदान करने पहाड़ी चढ़कर ही जाना पड़ता है। पहाड़ी की सड़क से अब चढ़ा नहीं जाता है। सड़क बुरी तरह खराब है। कोई वाहन क्या पैदल आदमी भी नहीं आ जा सकता। इस लिए बारामहू सिहार गांव में मतदान केंद्र बनाना चाहिए। यदि नहीं बनता है तो हमारा वोट करना मुश्किल हो जावेगा।
नहीं सुधार रहे ट्रांसफार्मर, बिजली से वंचित ग्रामीण

भैसदेही विकासखंड की ग्राम पंचायत बारालिंग के समीप बसे ठेस्का गांव के समीप लगभग पचास किसानों के खेत में 2 माह से बिजली गुल है। शिकायत के बावजूद विद्युत वितरण कंपनी किसानों के लिए बिगड़े हुए ट्रांसफार्मर को सुधार नहीं रही है। इससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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ठेस्का गांव के किसानों का कहना है कि विद्युत वितरण कम्पनी के झल्लार डीसी में इसकी शिकायत भी की गई। बावजूद इसके यहाँ पर लगा ट्रांसफार्मर सुधारा नहीं जा रहा। लाइनमेन आते भी हैं तो ट्रांसफार्मर आयल नहीं है, बोलकर चले जाते है। किसानों का कहना है कि उन्हें गेहंू का पलेवा करने के लिए ही बिजली नहीं है। ऐसे में फिर बोवनी कैसे करेंगे।
ग्राम ठेस्का के बिजली से वंचित किसानों में मानिक उइके, बलराम बडौदे, रामाधार उइके, बंटी पवार, अनिल पारधे, अशोक पवार, मुन्ना धुर्वे, महादेव इवने, विनोद इवने, अशोक पवार, राजू बारस्कर, लवलेश पवार, गणपत आहके, अजय इवने, छोटू इवने, कैलाश आहके, शेरसिंह उइके, अशोक कंगाले, राजू कंगाले, रामसिंह कंगाले, रवि पारधे, राधा बाई पारधे सहित अनेक किसान शामिल हैं। किसानों ने जिला कलेक्टर बैतूल से उचित कार्यवाही की मांग की है।