Naraka Chaturdashi Kab Hai : इस दिन मनाई जाएगी नरक चतुर्दशी, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

By
On:
Naraka Chaturdashi Kab Hai : इस दिन मनाई जाएंगी नरक चतुर्दशी, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व...
Naraka Chaturdashi Kab Hai : इस दिन मनाई जाएंगी नरक चतुर्दशी, जानें पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

Naraka Chaturdashi Kab Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रति वर्ष कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को चौदस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, नरक निवारण चतुर्दशी अथवा काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह त्योहार धनतेरस के एक दिन बाद और दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज, माता काली और श्रीकृष्ण की आराधना की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करके यम तर्पण एवं शाम के समय दीप दान का बड़ा महत्व है।

कहा जाता हैं कि नरक चतुर्दशी पर दीप जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। नरक चतुर्दशी की पूजा अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए की जाती है। आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व (Naraka Chaturdashi Kab Hai)…

नरक चतुर्दशी 2023 महत्व (Naraka Chaturdashi Kab Hai)

मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में नरकासुर नाम का एक राक्षस था वो बहुत ही शक्तिशाली था उसने अपनी शक्तियों के बल पर ऋषि-मुनियों और देवताओं के साथ ही सोलह हजार एक सौ सुंदर राजकुमारियों को अपना बंधक बना लिया था नरकासुर के अत्याचारों से परेशान होकर देवता और साधू-संत भगवान कृष्ण के पास गए। आपको बता दें कि नरकासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप मिला हुआ था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध किया था। और उसकी कैद से 16 हजार एक सौ कन्याओं को आजाद कराया था और जिस दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था उस दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी,आपको बता दें कि कैद से आजाद करने के बाद समाज में इन कन्याओं को मान- सम्मान दिलाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया था। नरकासुर से मुक्ति पाने की खुशी में देवगण और पृथ्वीवासी बहुत खुश हुए। माना जाता है कि तभी से इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई।

नरक चतुर्दशी 2023 कब है? (Naraka Chaturdashi Kab Hai)

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा।

नरक चतुर्थी के दिन रूप निखारा जाता है, जिसके लिए प्रात: काल स्नान की परंपरा है। इसलिए उदया तिथि को देखते हुए नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इसी दिन बड़ी दिवाली भी है। हालांकि जो लोग मां काली, हनुमान जी और यमदेव की पूजा करते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्थी यानी छोटी दिवाली का पर्व मनाएंगे।

अभ्यंग स्नान का समय (Naraka Chaturdashi Kab Hai)

नरक चतुर्दशी पर सूर्योदय के पूर्व शरीर पर उबटन लगाकर स्नान करने की प्रक्रिया को अभ्यंग स्नान कहा जाता है। इस बार अभ्यंग स्नान का समय 12 नवंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक है।

नरक चतुर्दशी 2023 की पूजा विधि (Naraka Chaturdashi Kab Hai)

  • नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
  • नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, श्री कृष्ण, काली माता, भगवान शिव, हनुमान जी और विष्णु जी के वामन रूप की विशेष पूजा की जाती है।
  • घर के ईशान कोण में इन सभी देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित करके विधि पूर्वक पूजन करें।
  • देवताओं के सामने धूप दीप जलाएं, कुमकुम का तिलक लगाएं और मंत्रों का जाप करें।

नरक चतुर्दशी से जुड़ी मान्यता (Naraka Chaturdashi Kab Hai)

नरक चतुर्दशी के दिन यम देवता का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति के लिए किया जाता है। इसके अलावा एक पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी।

“बैतूल अपडेट” व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 👇

Optical Illusion: इस तस्वीर मे छिपा है लड़की की अलावा एक और चेहरा, क्‍या आप ढूंढ पाएंगे? 10 सेकंड में करें चैलेंज पूरा

For Feedback - feedback@example.com

Related News