Makar Sankranti Kab Hai : कब है मकर संक्रांति? दूर कर लें कंफ्यूजन, जानें धार्मिक महत्‍व और पूजा मुहूर्त….

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Makar Sankranti Kab Hai : कब है मकर संक्रांति? दूर कर लें कंफ्यूजन, जानें धार्मिक महत्‍व और पूजा मुहूर्त....
Makar Sankranti Kab Hai : कब है मकर संक्रांति? दूर कर लें कंफ्यूजन, जानें धार्मिक महत्‍व और पूजा मुहूर्त….

Makar Sankranti Kab Hai : हिंदू धर्म में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) एक भव्‍य त्‍योहारों में से एक है। इस त्‍योहार को उत्तर भारत समेत कई राज्यों में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी का प्रसाद बनाते हैं। वहीं पवित्र ​नदियों में स्नान करने के साथ ही दान की परंपरा है। इस त्योहार को हर साल 14 जनवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन ग्रहों के बदलाव या उदयातिथि के अनुसार अक्सर 14 और 15 जनवरी को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन रहती है। तो आइए जानते हैं इस साल मकर संक्रांति का त्योहार कब मनाया (Makar Sankranti Kab Hai) जाएगा 14 या 15 जनवरी?

कब से शुरू होगा पुण्य काल (Makar Sankranti Kab Hai)

इस बार पुण्यकाल 15 जनवरी को सुबह 7 बजे से शुरू हो जाएगा,जो सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इसमें स्नान, दान,जाप कर सकते हैं। मकर संक्रांति का महापुण्य काल प्रातः काल 7 बजे से प्रातः काल 8 बजकर 46 तक रहेगा। (Makar Sankranti Kab Hai)

मान्यता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है। उत्तरायण में दिन बडे़ और रातें छोटी होती हैं।

दरअसल, सूर्य नारायण बारह राशियों में एक -एक माह विराजते हैं, जब भास्कर देव कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक,और धनु राशि में रहते हैं तो इस काल को दक्षिणायन कहते हैं। इसके बाद सूर्य नारायण मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में क्रमशः एक-एक माह रहते हैं। इसे ही उत्तरायण कहते हैं और जिस दिन भगवान सूर्य उत्तरायण होते हैं तो उस तिथि को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सूर्य नारायण मकर राशि में प्रवेश करते है।

महत्व और अनुष्ठान (Makar Sankranti Kab Hai)

विभिन्न क्षेत्रों में माघी, पौष संक्रांति या संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। पंजाब में यह लोहड़ी में बदल जाता है; असम में इसे माघ बिहू कहा जाता है। तमिलनाडु इसे पोंगल के रूप में मनाता है, और कर्नाटक इसे उगादी कहता है। मकर संक्रांति सौर माह मकर और चंद्र माह माघ में आती है, जिससे इस त्योहार को माघ संक्रांति या मकर संक्रांति जैसे नाम मिलते हैं। (Makar Sankranti Kab Hai)

मकर संक्रांति का उत्सव पूरे भारत में अलग-अलग होता है, प्रत्येक क्षेत्र में इसके अनूठे रीति-रिवाज होते हैं। सुबह-सुबह पवित्र गंगा में डुबकी लगाना और सूर्य देव को प्रार्थना करना भी शामिल है। समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए घरों को साफ किया जाता है और सजाया जाता है। त्योहार के समय पतंग उड़ाना एक आम बात है। इसके साथ ही खाना भी इस त्योहार का एक अहम हिस्सा है मकर संक्रांति के दिन घरों में लजीज व्यंजन बनते हैं।

मकर संक्रांति में बनने वाले पारंपरिक व्यंजन (Makar Sankranti Kab Hai)

मूंगफली चिक्की- मकर संक्रांति का कोई भी उत्सव स्वादिष्ट मूंगफली और गुड़ के बिना पूरा नहीं होता। स्वादिष्ट व्यंजन होने के अलावा, ये मोटे व्यंजन सर्दियों की ठंड में शरीर को गर्म रखने में भी मदद कर देते हैं।

तिल के लड्डू- संक्रांति में घरों में तिल के लड्डू बनते हैं। इसके लिए तिल को गर्म गुड़ में मिलाकर लड्डू को तैयार किया जाता है। महाराष्ट्र और नार्थ इंडिया की तरफ ये लड्डू बनते हैं और खूब खाए भी जाते हैं।

पूरन पोली- महाराष्ट्र से आने वाली, पूरन पोली एक मीठी फ्लैटब्रेड है जो मीठे दाल के स्वादिष्ट मिश्रण से भरी होती है। यह व्यंजन न केवल मकर संक्रांति के दौरान बल्कि दिवाली के दौरान भी बनाया जाता है।

मकर चौला- ताजे कटे हुए चावल, गुड़, दूध, छेना, केला और गन्ने का एक स्वादिष्ट मिश्रण, मकर चौला संक्रांति के दौरान हर ओडिया घर में एक प्रमुख व्यंजन है। देवताओं को अर्पित करने के बाद यह मिश्रण खुशी-खुशी सभी में वितरित कर दिया जाता है। (Makar Sankranti Kab Hai)

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