IAS SUCCESS STORY: नौकरी छोड़ी, 7 साल तक धैर्य, मेहनत और लगन से नमिता शर्मा बनी IAS, UPSC क्लियर करने बताई ये रणनीति

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IAS SUCCESS STORY: नौकरी छोड़ी, 7 साल तक धैर्य, मेहनत और लगन से नमिता शर्मा बनी IAS, UPSC क्लियर करने बताई ये रणनीतिIAS SUCCESS STORY, UPSC Topper Namita Sharma: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में सफल होना आसान नहीं है। कई लोग यूपीएससी परीक्षा को पहले अटेम्प्ट में ही क्लियर कर लेते है तो कई लोगों को सालों तक लंबा संघर्ष करना पड़ता है। लेकिन इस दौरान जो लोग धैर्य रखकर आगे बढ़ते हैं वह अपनी मंजिल जरूर हासिल कर लेते हैं। आज की कहानी ऐसी ही एक शख्स की है। जिन्‍होंने करीब 7 साल तक धैर्य रखकर कड़ी मेहनत कल लक्ष्य हासिल किया है। दिल्ली की रहने वाली नमिता ने यूपीएससी की परीक्षा में एक दो नहीं बल्कि पांच बार असफलता पाई है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में वे सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ऑल इंडिया में 145वीं रैंक प्राप्त किए। आइए जानते है नमिता ने किस तरह संघर्ष करके सफलता प्राप्‍त की है।

IAS SUCCESS STORY: नौकरी छोड़ी, 7 साल तक धैर्य, मेहनत और लगन से नमिता शर्मा बनी IAS, UPSC क्लियर करने बताई ये रणनीतिआईएएस नमिता शर्मा का परिचय और शिक्षा

नमिता शर्मा देश की राजधानी दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने यहां से ही अपनी स्कूली एजुकेशन पूरी की है। इसके बाद उन्होंने यहीं के इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया। आईआरएस नमिता शर्मा के पिता दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर और मां होममेकर हैं।

नौकरी छोड़ी, 7 साल तक धैर्य, मेहनत और लगन से नमिता शर्मा बनी IAS, UPSC क्लियर करने बताई ये रणनीतिसॉफ्टवेयर कंपनी में मिली नौकरी (IAS SUCCESS STORY)

बीटेक करने के बाद नमिता को एक एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब भी मिल गई। उन्होंने दो सालों तक नौकरी भी की लेकिन इस दौरान उनका मन तो कहीं और ही लगा था। उनके भीतर यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने का जुनून सवार था। नमिता ने अब जॉब छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू करने का फैसला किया। इस तरह से वे पूरी तरह तैयारी में जुट गईं।

6वें प्रयास में मिली सफलता

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चार बार फेल होने के बाद नमिता शर्मा ने पांचवा अटेम्प्ट दिया। इस बार भी वे सफल नहीं हो सकी। इसके बाद भी उन्होंने प्रयास जारी रखा और फिर परीक्षा दी। आखिरकार नमिता की मेहनत रंग लाई। 6वें प्रयास में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के सभी चरण प्रीलिम्स, मुख्य और इंटरव्यू सभी चरण पास कर लिए थे। इस बार नमिता ने ऑल इंडिया रैंक 145 प्राप्त किए और आखिरकार उनका आईएएस अफसर बनने का सपना पूरा हो गया। इसके बाद वे आईआरएस अधिकारी नियुक्ति हुईं।

अन्य कैंडिडेट्स को नमिता की सलाह

नमिता ने यूपीएससी के आखिरी 2 प्रयास नौकरी के साथ दिए। उनका 2016 में एसएससी सीजीएल में सिलेक्शन हो गया। नौकरी करने के साथ ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और सफलता हासिल करके खुद को साबित किया। उनका मानना है कि आप बेहतर शेड्यूल और बढ़िया रणनीति के साथ तैयारी करेंगे, तो आपको सफलता जल्दी मिलेगी। वह कहती हैं कि अपनी क्षमताओं के अनुसार रणनीति बनाएं किसी की रणनीति को कॉपी करने से कोई फायदा नहीं होगा।

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