Munh Khuree Rog : बैतूल। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप बैतूल जिले में 15 मई से 15 जुलाई 2024 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान गौ-भैंसवंशीय पशुओं के लिए चलाया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य यह है कि उन्हें मुंह-खुरी रोग से सुरक्षित रखा जा सके। इस रोग की रोकथाम हेतु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के चतुर्थ चरण में 6 लाख, 50 हजार पशुओं को प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा रहा है।
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में जिले में मुंह-खुरी रोग एवं पीपीआर रोग नियंत्रण कार्यक्रम का चतुर्थ चरण चलन में है।
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ. विजय पाटिल ने बताया कि जिले के समस्त ग्रामें हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर पशुपालकों के घर-घर जाकर नि:शुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
साथ ही ऐसे पशु जिनके कान में टैग नहीं लगा हुआ है, उनके कान में टैग भी लगाकर भारत सरकार के भारत पशुधन एप पर ऑनलाईन पंजीयन किया जाएगा।
क्या है मुंह-खुरी रोग
उप संचालक द्वारा बताया गया कि मुंह-खुरी विषाणु जनित तथा बेहद संक्रामक रोग हैं। पशुओं में इसके प्रमुख लक्षण पशु को ज्वर होना, जीभ तथा तलवे पर छालों का उतरना है जो बाद में फूट कर घाव में बदल जाते हैं।
लंगड़ा कर चलते पशु
खुरों के बीच में घाव होने से पशु का लंगड़ा कर चलना या चलना बंद कर देता है। मुंह में घावों की वजह से पशु भोजन लेना तथा जुगाली करना बंद कर देता है एवं कमजोर हो जाता है। दूध उत्पादन में लगभग 80 प्रतिशत की कमी, गाभिन पशुओं के गर्भपात एवं बच्चा मरा हुआ पैदा हो सकता है।
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बिना लक्षण के ही मृत्यु (Munh Khuree Rog)
छोटे बछड़े-बछियाओं में अत्याधिक ज्वर आने के पश्चात बिना किसी लक्षण के मृत्यु होना। इस रोग के कारण पशु स्वास्थ्य एवं दुग्ध उत्पादन पर प्रत्यक्ष नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इससे बचाव के लिए पशुपालकों को अपने पशुओं का टीकाकरण करवाना आवश्यक है।
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मुहैया कराए गए टीके (Munh Khuree Rog)
जिले की सभी संस्थाओं को निर्देश दिए गए हैं एवं विकासखंड स्तर की संस्थाओं में टीका द्रव्य उपलब्ध करा दिया गया है। विगत तीन चरणों में किये गए मुँह-खुरी रोग टीकाकरण कार्यक्रम के कारण जिले में मुंह-खुरी रोग के प्रकोप नहीं हुए है।
पशु पालकों से अपील (Munh Khuree Rog)
इसके चलते इस रोग के कारण पशुपालकों को होने वाली आर्थिक क्षति पर नियंत्रण किया गया है। पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ. पाटिल ने सभी पशुपालकों से पशुओं का टीकाकरण करवाने तथा उक्त कार्य में आवश्यक सहयोग प्रदाय करने की अपील की है।
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