Covaxin Side Effect एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड के संभावित दुष्प्रभावों की रिपोर्ट के बीच कोवैक्सिन बनाने वाली भारत बायोटेक ने पिछले दिनों एक बयान जारी कर कहा था कि उसके वैक्सीन के सुरक्षा रिकॉर्ड शानदार रहे हैं। कंपनी ने कहा था कि उसकी वैक्सीन से खून के थक्के, प्लेटलेट की कमी जैसे दुष्प्रभाव सामने नहीं आए हैं लेकिन बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि कोवैक्सीन लेने वाले 30 फीसदी लोगों को कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
Covaxin Side Effect बीएचयू के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन टीके के दीर्घकालिक प्रभावों की जांच में यह खुलासा हुआ है कि लगभग एक-तिहाई लोगों पर ‘Adverse events of special interest (AESI) प्रभाव देखने को मिला है। स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन के लिए चुने गए 926 प्रतिभागियों में से लगभग एक-तिहाई लोगों में ऊपरी सांस की नली में वायरल संक्रमण सबसे आम शिकायत है। इसके अलावा लोगों में ब्लड क्लॉटिंग और एलर्जी के भी प्रभाव देखने को मिले हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक फीसदी व्यक्तियों में स्ट्रोक और गुइलेन-बैरी सिंड्रोम जैसे गंभीर AESI की सूचना भी मिली है। ये स्टडी जनवरी 2022 से अगस्त 2023 के बीच की गई थी। इसके तहत वैसे 635 किशोरों और 291 वयस्क लोगों को शामिल किया गया था, जिन्होंने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन वैक्सीन ली थी। स्टडी के दौरान किशोरों में स्किन और नर्व से संबंधित कई गड़बड़ियां और बीमारियां पाई गईं, जबकि वयस्कों में मस्कुलोस्केलेटल डिजॉर्डर के साथ-साथ तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) से जुड़े और कई सामान्य गड़बड़ियां पाईं गईं।
TOI की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अध्ययन में शामिल महिलाओं पर भी टीके का बुरा प्रभाव देखने को मिला है। अध्ययन में पाया गया कि महिलाओं और किशोर लड़कियों में टीका लेने के बाद उनमें टाइफाइड होने का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि कोविड महामारी के दौरान भारत में विशेष रूप से कोविडशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीन ही लोगों को लगाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सीन के दो डोज लगवाए थे।