Collector Sensitivity : बैतूल। रात के 3 बज रहे थे। उसी बीच कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को एक अनजान नंबर से कॉल आता है। वे कॉल रिसीव करते हैं और ठीक 5 मिनट में जिला अस्पताल में होते हैं। उन्हें एक कॉल पर रात 3 बजे अस्पताल में देख खुद कॉल करने वाले को भी यकीन नहीं होता। वहीं स्टाफ की तो हालत ही खराब हो जाती है।
इस पूरे वाकये से यह साफ हो जाता है कि एक अनजान व्यक्ति की कॉल और उसकी समस्या भी कलेक्टर श्री सूर्यवंशी कितनी गंभीरता से लेते हैं। वहीं इतनी रात को अस्पताल पहुंच कर उन्होंने इस बात की भी मिसाल पेश की कि एक आला प्रशासनिक अफसर के जनता के प्रति क्या दायित्व होने चाहिए।
दरअसल, वे सड़क हादसे में घायल एक युवक को इलाज न मिलने की शिकायत पर रात 3 बजे जिला अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने रात में ही व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया और घायल युवक को भी देखा। उतनी रात को ही उन्होंने सीएमएचओ डॉ. रविकांत उइके और सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा को भी अस्पताल बुला लिया।
यह था रात का पूरा घटनाक्रम
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल आईटीआई में पढ़ने वाले छात्र नीलेश आहके ने रात 3 बजे कलेक्टर को फोन लगाया था। इसके महज 5 मिनट बाद ही कलेक्टर जिला अस्पताल पहुंच गए थे। नीलेश ने अपने परिजन दुर्गेश को इलाज नहीं मिलने की शिकायत की थी। परिजन रात करीब 12 बजे उसे घायल हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे।
अज्ञात पिकअप ने मारी थी टक्कर
दुर्गेश रात को प्रभातपट्टन से अपने घर सांवरी जा रहा था। रास्ते में अज्ञात पिकअप ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दुर्गेश का जबड़ा टूट गया था। उसे पहले प्रभातपट्टन में भर्ती कराया था। उसे जिला अस्पताल रेफर किया था। यहां उसे लेकर रात 12 बजे यहां पहुंचे थे।
सिटी स्कैन कराने की थी जरुरत
परिजन उसे लेकर यहां पहुंच तो गए पर इलाज शुरू नहीं हुआ। उसे सिटी स्कैन की जरूरत थी। लेकिन, बीपीएल, आधार कार्ड और रुपये ना होने की स्थिति में सिटी स्कैन नहीं किया गया। इसके बाद कलेक्टर को कॉल कर दिया था। इस बीच कहीं से लौट रहे कलेक्टर सीधे अस्पताल पहुंच गए।
स्टाफ को लगाई जमकर फटकार (Collector Sensitivity)
कलेक्टर अस्पताल आए और सीधे तीसरी मंजिल पर स्थित पुरुष सर्जिकल वार्ड पहुंच गए। यहां शिकायतकर्ता से मरीज की जानकारी ली। मरीज की हालत देख कलेक्टर ने नाराज होते हुए वहां मौजूद स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। साथ ही ड्यूटी डॉक्टर और सीएमएचओ सहित सीएस को तत्काल अस्पताल पहुंचने को कहा। इसके बाद घायल का इलाज शुरू हुआ।
अस्पताल का किया निरीक्षण (Collector Sensitivity)
इस दौरान कलेक्टर ने अस्पताल के कई हिस्सों के निरीक्षण भी किया। गंदगी देख उन्होंने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही चेतावनी दी कि व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार करें। वे फिर से अस्पताल का निरीक्षण करेंगे।
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इनकी होती है फ्री सिटी स्कैन (Collector Sensitivity)
सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा ने बताया कि सिटी स्कैन सेंटर पर बीपीएल मरीजों की मुफ्त जांच की जाती है। जिसके लिए संबंधित दस्तावेज जमा करवाए जाते हैं। वहीं अन्य मरीजों के लिए दस्तावेजों के साथ-साथ शासन द्वारा तय शुल्क लिए जाने की व्यवस्था है।
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कलेक्टर ने दिए यह निर्देश (Collector Sensitivity)
डॉ. बारंगा ने आगे बताया कि कलेक्टर महोदय ने निर्देश दिए हैं कि दस्तावेजों के ना रहने पर मरीजों का उपचार ना रोका जाएं। इसके साथ ही पानी की समस्या को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ और सिविल सर्जन को तुरंत पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं।
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