Betul Court Decision : घर में घुसकर किया किशोरी से बलात्कार, कोर्ट ने सुनाई 20 साल कठोर कारावास की सजा
Betul Court Decision : विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल ने घर में घुसकर 15 वर्षीय नाबालिग बालिका का बलात्कार करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 7000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। आरोपी रानू उइके पिता मेहंगु, उम्र-30 वर्ष, निवासी-थाना कोतवाली, जिला-बैतूल को यह सजा सुनाई गई है।
Betul Court Decision : बैतूल। विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) 2012 बैतूल ने घर में घुसकर 15 वर्षीय नाबालिग बालिका का बलात्कार करने वाले आरोपी को दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 7000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। आरोपी रानू उइके पिता मेहंगु, उम्र-30 वर्ष, निवासी-थाना कोतवाली, जिला-बैतूल को यह सजा सुनाई गई है।
प्रकरण की जानकारी देते हुए अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी अमित राय (एडीपीओ) ने बताया कि 4 अगस्त 2022 को 15 वर्षीय पीड़िता ने पुलिस चौकी पाढर में उपस्थित होकर अभियुक्त रानू उइके के विरूद्ध इस आशय का आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। शिकायत के अनुसार 03 अगस्त की रात 10 बजे उसकी मां शौच करने गई थी। उसके पिता बाहर काम करने गए हुए थे।
उसे घर पर अकेला पाकर आरोपी रानू उइके ने घर में घुसकर, उसका मुंह दबाकर जबरदस्ती उसके साथ बुरा काम (बलात्कार) किया है। उसकी छोटी बहन घटना के समय आ गई थी, जिसके कारण आरोपी वहां से भाग गया। पीड़िता ने घटना की जानकारी अपनी माता को दी।
आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर (Betul Court Decision)
पीड़िता के आवेदन पर पुलिस थाना कोतवाली में अभियुक्त रानू उइके के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। विवेचना के दौरान पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
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इन्होंने की प्रकरण में विवेचना (Betul Court Decision)
पुलिस थाना कोतवाली द्वारा आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अनन्य विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) बैतूल के समक्ष विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया। प्रकरण की विवेचना पुलिस थाना कोतवाली में पदस्थ उपनिरीक्षक कविता नागवंशी के द्वारा की गई।
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अभियोजन ने किया अपराध सिद्ध (Betul Court Decision)
विचारण में अभियोजन ने अपना मामला युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया। जिसके आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध पाकर दंडित किया गया।
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इस श्रेणी में रखा गया प्रकरण (Betul Court Decision)
प्रकरण को जघन्य चिन्हित एवं सनसनीखेज प्रकरणों की सूची में रखा गया था। जिसकी समय-समय पर जिला दण्डाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं जिला अभियोजन अधिकारी की समिति के द्वारा समीक्षा की गई।
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