नेपाली युवक के साथ यह क्या हुआ… बैतूल के समाजसेवियों की मदद से लौटा अपने वतन

  • उत्तम मालवीय, बैतूल © 9425003881
    दोस्त के बुलावे पर एक नेपाली युवक नेपाल से भारत आया। उसे हैदराबाद जाना था, लेकिन सफर के दौरान झांसी के पास उसका मोबाइल, पैसे, बैग और पूरा समान चोरी हो गया। इसके बाद युवक घायल अवस्था में बैतूल में जिला अस्पताल के सामने मिला, जिसे इलाज के लिए भर्ती किया गया। बैतूल के लोगों ने हर बार की तरह इस अजनबी की हर सम्भव मदद की और उसे उसके मुल्क पहुंचाने का माध्यम बने। यह कहानी है नेपाल निवासी नील बहादुर थापा की, जो बैतूल के सहृदय लोगों की मदद से सकुशल अपने वतन नेपाल लौट गया है, लेकिन इस बीच उसके साथ जो कुछ हुआ वो किसी नाटकीय और खौफनाक घटनाक्रम से कम नहीं है। 

    नील बहादुर थापा नेपाल से काम की तलाश में भारत आया था, जिसे काम दिलाने के लिए उसके दोस्त ने उसे हैदराबाद आने कहा था। नील बहादुर हैदराबाद जाने के लिए रवाना भी हुआ। उसने पुलिस को बताया कि झांसी रेलवे स्टेशन के पास उसका बैग, मोबाइल और पैसे सब कुछ चोरी हो गया। 

    कहानी में आया एक बड़ा ट्विस्ट
    कहानी में सबसे बड़ा पेंच यहीं आया जब चोरी की घटना के बाद की कहानी झांसी से नहीं बैतूल से शुरू हुई। घायल अवस्था में नील बहादुर थापा बैतूल के जिला अस्पताल के सामने मिला। वो घायल था और लोगों पर हमला कर रहा था। लोगों की सूचना पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया और उसका इलाज शुरू करवाया गया, लेकिन यहां भी नील बहादुर ये नहीं बता पाया कि झांसी से वो बैतूल पहुंचा कैसे था। उसे झांसी में चोरी हुए सामान के बाद की घटना से आगे कुछ याद नहीं आया। वह सच बोल रहा है या नहीं ये अलग बात है, लेकिन फिर भी पुलिस और समाजसेवियों ने उसकी बातों पर यकीन कर उसकी मदद की। 

    बैतूल ने फिर पेश की मानव सेवा की मिसाल
    जब नील बहादुर के विषय में शहर के युवा समाजसेवी विकास मिश्रा, विक्रम वैद्य, भारत पदम, गौरी बालापुरे पदम और हर्षलता खाकरे को जानकारी मिली तो ये सारे समाजसेवी जिला अस्पताल पहुंचे। बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति के सचिव भारत पदम ने नील बहादुर के विषय में जानकारी एकत्रित की और फिर शुरुआत हुई नील बहादुर को वापस उसके देश तक पहुंचाने की। मालूम चला कि नील बहादुर नेपाल की राजधानी काठमांडू के नजदीक सुनौली गांव में रहता है। अगले दो दिन तक उसके स्वस्थ्य होने का इंतजार किया गया। इस दौरान  समाजसेवी विकास मिश्रा और विक्रम वैद्य ने नील बहादुर के लिए नए कपड़े खरीदे, उसके वापस जाने के लिए टिकट बुक कराया और 1500 रुपये नकद देकर उसे 11 दिसम्बर शनिवार की शाम गोरखपुर एक्सप्रेस से रवाना किया। इस दौरान जिला अस्पताल के पुलिस चौकी प्रभारी सुरेंद्र वर्मा भी मौजूद रहे। खबर लिखे जाने तक नील बहादुर गोरखपुर पहुंच चुका था और 12 दिसम्बर की रात तक अपने गांव पहुंच जाएगा ऐसा उसने बताया। 

    सेवा कार्यों में अग्रणी बैतूल के युवा
    बैतूल के युवा समाजसेवी सेवा कार्यों में हमेशा ही अग्रणी रहते हैं । इस मामले में भी बैतूल के समाजसेवियों ने अपनी छवि के अनुरूप एक अनजान विदेशी नागरिक को उसके वतन वापस भेजने में सक्रिय भूमिका अदा की है। ये जानते हुए भी की उसकी कहानी में कई पेंच थे, समाजसेवियों ने केवल मानव सेवा की भावना को सर्वोपरि माना। इस सेवाकार्य के लिए युवा समाजसेवियों की नगर में काफी प्रशंसा हो रही है। 

  • Related Articles

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *