
Yoga For Weight Loss : सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, इसे सर्वांग व्यायाम भी कहा जाता है। केवल इसका ही नियमित रूप से अभ्यास करने से व्यक्ति को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से व्यक्ति का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग हमारे जीवन में बहुत जरूरी है। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से शरीर की कई समस्याएं दूर होती हैं। मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई शुगर, थायराइड, पीरियड्स प्रॉबलम्स जैसी समस्याओं को कम करने के लिए योग का सहारा लेना चाहिए। योगासन से शरीर की समस्याएं प्रभावी रूप से दूर होती हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे आसन हैं, जिनका अभ्यास महिलाओं को नियमित रूप से करना चाहिए। इन आसन को करने से पीठ दर्द, पेट दर्द, कमर दर्द, पीरियड्स आदि कई प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही शरीर को कई अन्य फायदे होते है।
शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्त रहने और बचाव के लिए योग सबसे आसान तरिका है। महिला हो या पुरुष, योग सभी के लिए फायदेमंद होता है। रोजाना योग करना एक अच्छी आदत है। इससे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेंगी साथ ही मानसिक रूप से भी फायदा मिलेगा।

पर्वतासन (Parvatasana)-
सूर्य नमस्कार में चौथी मुद्रा और नौवीं मुद्रा के रूप में होती है। पर्वतासन या पर्वत मुद्रा आसनों की सूर्य नमस्कार के श्रृंखला का हिस्सा है। संस्कृत में “पर्वत” का अर्थ पर्वत है। यह मुद्रा चारों तरफ से पहाड़ की तरह दिखाई देती है और इसलिए इसका नाम पर्वतासन पड़ा।
पर्वतासन कलाई और पैरों को मजबूत कर सकता है। यह सिर में रक्त के प्रवाह को भी बढ़ाता है। यह हृदय और फेफड़े की मांसपेशियों को प्राकृतिक मालिश देता है और काठ, रीढ़, कंधे, घुटने और टखने के दर्द और वैरिकाज़ नसों से राहत दिलाने में बहुत उपयोगी है।
पर्वतासन करने का तरीका (Yoga For Weight Loss)
- सूर्य नमस्कार के हिस्से के रूप में पर्वतासन अश्व संचालनासन या घुड़सवारी मुद्रा के बाद किया जाता है। इसलिए अश्व संक हलासन पर्वतासन के लिए शुरुआती मुद्रा बन जाता है।
- अश्व संचालनासन से मुड़े हुए पैर को सीधा कर पीछे की ओर ले जाएं। इस प्रक्रिया के दौरान सांस छोड़ें। दाएं और बाएं पैर को एक साथ रहने दें।
- नितंबों को ऊपर उठाएं। दोनों भुजाओं को फर्श पर रहने दें और शरीर के भार को सहारा दें। सिर को दोनों भुजाओं के बीच में नीचे करें। पक्षों से देखने पर शरीर एक त्रिभुज का आकार बनाता है। यह पहाड़ जैसा दिखता है और इसलिए यह नाम पड़ा है।
- जब सूर्य नमस्कार (सूर्य नमस्कार अभ्यास) के भाग के रूप में किया जाता है, तो इस आसन को करते समय एक मंत्र का जाप किया जा सकता है। पर्वतासन चौथी मुद्रा और नौवीं मुद्रा के रूप में किया जाता है।
- चौथी मुद्रा में “ॐ खगाय नमः” का जाप करें। इसका अर्थ है आकाश में विचरण करने वाले को नमस्कार
पर्वतासन के फायदे (Yoga For Weight Loss)
- शरीर की मुद्रा और जागरूकता में सुधार करता है।
- पैरों को मजबूत बनाता है
- शरीर को सक्रिय रखता है
- फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है
- साँस लेने में सुधार
- वजन घटाने में सहायक
- रीढ़ की हड्डी, हाथ और पैर के रक्त संचरण में सुधार करता है।
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