Top 10 Variety Of Wheat : खरीफ की फसलों (Kharif crops) की कटाई होते ही किसान रबी फसल (Rabi crops) की बुवाई की तैयारी में जुट जाएंगे। भारत के अधिकांश हिस्से में गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) की जाती है। ये एक प्रमुख फसल है। जिसका उत्पादन क्षेत्र सबसे ज्यादा है। किसानों को अच्छी किस्मों के गेहूं (Best Quality Wheat) के बारे में यदि समय पर जानकारी हो जाए, तो वे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम आपको गेहूं की 10 किस्मों की जानकारी देंगे, जिनकी अभी भयंकर डिमांड है। ये गेहूं की किस्में अच्छा उत्पादन भी देती है और कम पानी और समय में तैयार भी हो जाती है। कई किसान इन किस्मों को लगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
गेहूं की उन्नत किस्म GW 322
यह मध्यप्रदेश MP राज्य में सबसे अधिक उगाई जाने वाली Wheat variety है जो 115-120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। गेहूं GW 322 की पैदावार 60–62 क्विंटल तक है। 322 गेहूं भारत के सभी राज्यों में खेती की जा सकती है। यह वैरायटी 3–4 पानी में पक जाती है।
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गेहूं की उन्नत किस्म पूसा तेजस 8759
पूसा तेजस 8759 गेहूं की किस्म वर्ष 2019 में विकसित की गयी है। जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में पूसा तेजस गेहूं का उत्पादन एक हेक्टेयर में 70 क्विंटल लिया गया था। इसके बाद किसानों की इस wheat variety में रूचि बढ़ी। गेहूं की यह किस्म करीब 110–115 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। यह बीज कम पानी में पककर तैयार हो जाता है।
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गेहूं की उन्नत किस्म wheat GW 273
गेहूं की Variety GW 273 लगभग 115-125 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। गेहूं GW 273 की पैदावार 60–65 क्विंटल तक है। यह वैरायटी 3 – 4 पानी में पक जाती है।
गेहूं की उन्नत किस्म श्री राम सुपर 111 गेहूं
यह गेहूं लगभग 105 दिन में पक कर तैयार हो जाता है। श्री राम 111 अगेती एवं पछेती बुवाई के लिए उपयुक्त है। इस variety का दाना कठोर एवं चमकदार होता है। मध्यप्रदेश के किसानों के अनुसार श्री राम सुपर 111 का उत्पादन 22 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से है। श्रीराम फर्टिलाइजर्स एण्ड कैमिकल्स के विश्वविख्यात गेहूँ वैज्ञानिकों द्वारा इस किस्म को तैयार किया गया है।
गेहूं की उन्नत किस्म HD 4728 (Pusa Malawi)
यह गेहूं 125-130 दिन में पक कर तैयार हो जाता है। गेहूं HD 4728(Pusa Malawi) की पैदावार 55 क्विंटल तक है। HD 4728(Pusa Malawi) गेहूं की भारत के सभी राज्यों में खेती की जा सकती है। यह वैरायटी 3 – 4 पानी में पक जाती है।
गेहूं की उन्नत किस्म wheat HD 3298
यह गेहूं 125-130 दिन में पक कर तैयार हो जाता है। गेहूं HD 3298 की पैदावार 55-60 क्विंटल तक एक हेक्टेयर में रहती है। HD 3298 गेहूं भारत के सभी राज्यों में खेती की जा सकती है। यह वैरायटी 3–5 पानी में पक जाती है। इस wheat variety में फंगस जनित रोग नहीं लगते हैं। इस गेहूं का दाना सुडौल रहता है।
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गेहूं की उन्नत किस्म shree ram 303 wheat variety
गेहूं shree ram 303 कंपनी द्वारा विकसित की गयी है। इस गेहूं का दाना अन्य गेहूं की अपेक्षा लम्बा रहता है। इसके पौधों में कल्लों की संख्या अधिक होती है जिसकी बजह से shree ram 303 variety में अधिक उत्पादन मिलता है। यह गेहूं 110 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 75 क्विंटल तक है।
गेहूं की उन्नत किस्म wheat JW 1142
गेहूं की किस्म JW 1142 जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में तैयार की गयी है। JW 1142 गेहूं की उत्पादन क्षमता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। यह अगेती एवं पछेती दोनों प्रकार से बोई जा सकती है। इस गेहूं में माहु कीट का प्रकोप कम रहता है तथा यह 125 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
गेहूं की उन्नत किस्म HI 8498
गेहूं की किस्म HI 8498 जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में तैयार की गयी है। HI 8498 गेहूं की उत्पादन क्षमता 55- 57 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। यह अगेती एवं पछेती दोनों प्रकार से बोई जा सकती है। इस गेहूं में माहु कीट का प्रकोप कम रहता है तथा यह 125 -130 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
गेहूं की उन्नत किस्म JW 1201
गेहूं की किस्म JW 1201 जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय में तैयार की गयी है। JW 1201 गेहूं की उत्पादन क्षमता 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक है। यह अगेती एवं पछेती दोनों प्रकार से बोई जा सकती है। इस गेहूं में माहु कीट का प्रकोप कम रहता है तथा यह 125 – 130 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
News Source : Kisannews